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रक्षाबंधन आज, जानें राखी बांधने के 7 शुभ मुहूर्त, 7.30 घंटों के भद्रा काल में भाई की कलाई पर न बांधें रक्षा सूत्र

सनातन धर्म में रक्षाबंधन का खास महत्व है. इसे भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है और इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए राखी बांधती हैं. साथ ही अपने भाई भी अपनी रक्षा का वचन लेती हैं. ऐसे में रक्षाबंधन पर वास्तु से जुड़े कुछ उपाय भी बताए गए हैं.

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Raksha Bandhan Shubh Muhurat: हर साल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक राखी यानी रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल ये त्योहार 19 अगस्त यानी आज मनाया जा रहा है. इस त्योहार का सनातन धर्म में खास महत्व है. इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं. शास्त्रों के मुताबिक, राखी बांधते समय दिशाओं का भी खास ख्याल रखना चाहिए.

किस दिशा में न बांधे राखी?

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किस दिशा में न बांधे राखी?

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, रक्षाबंधन के दिन भाई को भूलकर भी उत्तर-पश्चिम दिशा में बैठाकर राखी नहीं बांधनी चाहिए. इस दिशा में भाई की कलाई पर राखी बांधना अशुभ माना जाता है. ज्योतिष के जानकार कहते हैं कि राखी बांधते समय दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बहनों का चेहरा होना चाहिए. जबकि भाइयों को उत्तर-पूर्व दिशा की ओर अपना चेहरा रखना चाहिए. 

भाई के सुख-सौभाग्य में वृद्धि

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भाई के सुख-सौभाग्य में वृद्धि

अगर रक्षाबंधन के दिन शाम को बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं तो उसके लिए भी वास्तु शास्त्र में कुछ नियम बताए गए हैं. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, शाम को राखी बांधते समय भाई का चेहरा पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए. ऐसा करने से भाई के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है.

भद्रा में न बांधें राखी

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भद्रा में न बांधें राखी

भद्रा में भी भाई को राखी बांधने से बचना चाहिए.  ज्योतिश शास्त्र के मुताबिक, भद्रा व पंचक के दौरान राखी बांधना अशुभ होता है. ऐसे में राखी बांधने के कुछ शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जिसमें ब्रह्म मुहूर्त का समय अति उत्तम माना जा रहा है. राखी बांधने का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 24 मिनट से सुबह 5 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. वहीं भद्राकाल 19 अगस्त को 5 बजकर 52 मिनट से 1 बजकर 32 मिनट कर रहेगी.

रक्षा बंधन के शुभ मुहूर्त

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रक्षा बंधन के शुभ मुहूर्त

अगर आप इतनी सुबह राखी बांधने में समर्थ नहीं हैं तो कुछ और भी शुभ मुहूर्त हैं अभिजित मुहूर्त 11:57AM से 12:50PM, विजय मुहू्र्त 02:34PM से 03:26PM, गोधूली मुहूर्त 06:55PM से 07:17PM, अमृत काल 08:24PM से 09:50PM निशिता मुहूर्त 12:02AM से 20 अगस्त 12:46AM, सर्वार्थ सिद्धि योग 05:52AM से 08:10AM और रवि योग 05:52 AM से 08:10 AM है.

कब से कब तक है पूर्णिमा तिथि?

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कब से कब तक है पूर्णिमा तिथि?

पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 को सुबह 03 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी और 19 अगस्त 2024 को रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. रक्षा बंधन के दिन राहुकाल सुबह 07 बजकर 30 मिनट से सुबह 09 बजकर 08 मिनट तक रहेगा. पंचक 19 अगस्त को शाम 07 बजे शुरू होकर 20 अगस्त को सुबह 05 बजकर 52 मिनट तक रहेंगे.

सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के उपाय

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सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के उपाय

घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए पूजा स्थान को वास्तु के अनुसार सजाएं. मंदिर को ईशान कोण या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है. मंदिर को साफ करें, मूर्तियों को शानदार बनाएंऔर उन्हें नए वस्त्रों से सजाएं. मंदिर में गणपति और माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति जरूर होनी चाहिए. रक्षाबंधन के दिन देवी-देवताओं, ऋषियों, और पितरों का तर्पण करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ती है.

टूटी हुई राखी न फेंके

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टूटी हुई राखी न फेंके

रक्षा बंधन के दिन नदियों, तीर्थों, और जलाशयों में पंचगव्य से स्नान करके और दान-पुण्य करके भी ईष्ट कार्य सिद्ध किए जा सकते हैं. टूटी हुई राखी को नहीं फेंकना चाहिए. शास्त्रों के मुताबिक, इसे अशुभ माना गया है. टूटी हुई राखी को जल में प्रवाहित कर दें या किसी पेड़ की जड़ में रख दें. ऐसा करते समय 1 रुपये का सिक्का भी रखें.

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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियों पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.