Kaal Sarp Dosh: किसी भी जातक की कुंडली में ग्रहों की विभिन्न स्थितियां शुभ-अशुभ योग बनाती हैं. शुभ योग बड़ी-बड़ी उपलब्धियां दिलाते हैं तो वहीं अशुभ योग मनुष्य को राजा से रंक बना देते हैं. अशुभ योगों की श्रेणी में कालसर्प दोष भी आता है जिससे आर्थिक, शारीरिक और मानसिक दिक्कतें बढ़ती जाती है या खत्म नहीं होती हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या होता है कालसर्प दोष?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में राहु और केतु द्वारा बुरे प्रभाव निर्मित किए जाएं तो इसे कालसर्प दोष माना जाता है. जन्मकुंडली में राहु और केतु के बीच में जब ग्रह आते तब इससे जो दोष पैदा होता है उसको कालसर्प दोष कहते हैं. काल के नाम से राहु को देखा जाता है यानी मृत्यु और सर्प यानी केतु का अधिदेवता यानी सर्प होता है. राहु का मुख सांप का है औऱ केतु सांप की पूंछ माना जाता है. अगर कुंडली में कालसर्प दोष हो तो राहु और केतु अच्छे प्रभाव को नष्ट करते जाते हैं. 


कालसर्प दोष के लक्षण पहचानें
कुंडली में कालसर्प दोष हो उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक दिक्कतें लगातार होती रहती हैं.
कुंडली में कालसर्प दोष होने पर हमेशा संतान से जुड़े कष्ट बने रहते हैं.
कुंडली में कालसर्प दोष होने पर नौकरी में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नौकरी में स्थायित्व नहीं होती.
कुंडली में कालसर्प दोष होने पर सपने में मृत्यु या सांप दिखाई पड़ते हैं.


कालसर्प दोष के उपाय
कालसर्प दोष जिन जातकों की कुंडली में है उन्हें भगवान विष्णु की पूजा नियमित रूप से करना चाहिए.
कालसर्प दोष के निवारण के लिए बहते पानी में कोयले के टुकड़े प्रवाहित कर दें, शनिवार के दिन ये उपाय करें.
कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए मसूर की दाल व साबुत नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें. 
कालसर्प दोष के निवारण के लिए सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. नियमित रूप से भगवान शिव की प्रतिमा पर दूध मिलाकर जल पतली धारा में अर्पित करें.
कालसर्प दोष के निवारण के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करें. पीपल के पेड़ की 7 परिक्रमा करें. शनिवार को नियमित रूप से ऐसा करें.


और पढ़ें- Vastu Tips For Tulsi Plant: तुलसी के पास भूलकर भी न रखें ये चीजें, घर में दरिद्रता का होने लगेगा वास


Watch: मथुरा में आज हो रही गोवर्धन पूजा, जानें क्या है अन्नकूट की पौराणिक कथा