लंगर खाकर करता था प्रैक्टिस, आज है टीम इंडिया का है बेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज
पहले सिडनी टेस्ट में चोट के बावजूद खेली बेहतरीन पारी और अब गाबा में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में नामुमकिन को किया मुमकिन, उत्तराखंड के रुड़की जिले में रहने वाले ऋषभ पंत की क्रिकेट का शुरुआती सफर काफी संघर्ष भरा रहा था, उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह दो वक्त की रोटी भी खा सके, लेकिन अपने
नई दिल्ली:पहले सिडनी टेस्ट में चोट के बावजूद खेली बेहतरीन पारी और अब गाबा में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में नामुमकिन को किया मुमकिन, उत्तराखंड के रुड़की जिले में रहने वाले ऋषभ पंत की क्रिकेट का शुरुआती सफर काफी संघर्ष भरा रहा था, उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह दो वक्त की रोटी भी खा सके, लेकिन अपने सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने गुरुद्वारे में कई राते बिताईं और यहीं पर प्रसाद ग्रहण कर रोज क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए जाया करते थे. आइए जानते है पंत के अंडर 19 से लेकर इंडिया तक के सफर के बारे में....
क्रिकेटर बनने का सपना संजोए चल दिए दिल्ली
ऋषभ पंत का बचपन से ही क्रिकेट में करियर बनाने का सपना था, लेकिन यह डगर काफी मुश्किलों से भरा हुआ था, क्योंकि उनके जिले में अच्छा स्टेडियम और कोचिंग नहीं होने की वजह से उनको महज 12 साल की आयु में अपने सपने को पूरा करने के लिए रुड़की से दिल्ली आना पड़ा था. पंत जब अपनी किस्मत आजमाने रुड़की से दिल्ली आए, तो यहां न वे किसी को जानते थे और न ही रहने का ठिकाना था. लेकिन उन्होंने तय कर लिया था कि हार के रुकना नहीं है, दोगुने दम के साथ डटे रहना है. जब कहीं से कोई उम्मीद नहीं दिखाई दी तो ऊपर वाले का ही आसरा था, जिसने निराश भी नहीं किया. आखिर मोतीबाग के गुरुद्वारे में रहने के लिए उनको छत मिल गई, फिर पंत वहीं से लंगर खाकर प्रैक्टिस के लिए निकल पड़ते. मां गुरुद्वारे में सेवा करतीं और पंत क्रिकेट में रम गए. यह सिलसिला कई महीनों तक चला. धीरे-धीरे पंत अपनी मेहनत के बल पर नए मुकाम हासिल करते गए और फिर किराये पर एक रुम ले लिया.
इस क्लब में सीखे क्रिकेट की बारिकिया
दिल्ली के फेमस क्रिकेट क्लब सोनेट में ही पंत ने क्रिकेट की बारिकियां सीखी. सोनेट क्लब से निकल कर पंत को भारत के महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ की कोचिंग में अंडर-19 खेलने का मौका मिला. द्रविड़ ने इस बल्लेबाज के खेल को तराशा और फिर पंत अपनी मेहनत के बल पर नई ऊंचाईयों तक पहुंच गए.
अंडर 19 वर्ल्ड कप में दिखाया दम
2016 में बांग्लादेश में खेले गए अंडर-19 वर्ल्ड कप में ऋषभ पंत ने तूफानी बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई. इस टूर्नामेंट में उन्होंने नेपाल के खिलाफ केवल 18 गेंद में अर्धशतक जड़ दिया था. बाएं हाथ का यह विकेटकीपर बल्लेबाज 24 गेंदों में 75 रन ठोक कर सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच चुका था. इस पारी के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. भारत भले ही 2016 का वर्ल्ड कप नहीं जीत सका, लेकिन ऋषभ पंत का नाम चर्चाओं में आ गया था.
प्राइज वैल्यू से 10 गूना ज्यादा कीमत पर बिके
ऋषभ पंत को आईपीएल 2016 सीजन में दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने खरीदा था. दिल्ली की टीम ने तब 10 लाख की बेस प्राइज वाले ऋषभ पंत को 1.9 करोड़ रुपए खर्च कर अपनी टीम का हिस्सा बनाया था. उस वक्त पंत की उम्र महज 18 साल थी. यह सीजन इस युवा के लिए कुछ खास नहीं रहा था. लेकिन उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली क्रिकेट पंडितों को सोचने पर मजबूर कर दिया. साल 2017 के आईपीएल सीजन में ऋषभ पंत ने विस्फोटक बल्लेबाजी का अपना हुनर दिखाया. उन्होंने इस साल 14 मैचों में 26.14 की औसत और 165.61 की स्ट्राइक रेट से 366 रन बनाए. इसमें उन्होंने 2 अर्धशतक भी ठोके और 97 रनों की बेस्ट पारी खेली.
एमएस धोनी का बताया रिप्लेसमेंट
आईपीएल के 10 वें सीजन में दिल्ली ने पंत को 15 करोड़ रुपए में रिटेन किया था. इस सीजन में उन्होंने 14 मैचों में 52.61 की औसत से 5 अर्धशतकों और 1 शतक की मदद से 684 रन बनाए. पंत ने इस दौरान 128* रनों की नाबाद शतकीय पारी भी खेली. पंत ने साल 2019 के आईपीएल सीजन 16 मैचों में 37.53 की औसत से 488 रन बनाए. इस साल उनके बल्ले से 3 अर्धशतक निकले और सर्वोच्च स्कोर नाबाद 78 रन रहा. इसके बाद ऋषभ पंत को सौरव गांगुली, रिकी पोंटिंग, सुनील गावस्कर के रूप में तीन बड़े प्रशंसक मिले, जो लगातार उनकी प्रतिभा की तारीफ करते रहे. इन तीनों ने ऋषभ पंत को एमएस धोनी का सबसे तगड़ा रिप्लेसमेंट बताया.
2017 में रखा इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम
ऋषभ पंत ने 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ टी20 मुकाबले से भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा. ऋद्धिमान साहा के चोटिल होने के बाद साल 2018 में उन्हें इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट और वेस् टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में वनडे टीम में खेलने का मौका मिला. टेस्ट क्रिकेट में ऋषभ पंत ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया. इंग्लैंड व ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले ही दौरे पर इस खिलाड़ी ने टेस्ट शतक ठोके.
आस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने में रहा बड़ा योगदान.खब्बू बल्लेबाज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की 7 पारियों में 350 रन बनाए, इसमें उनका उच्चतम स्कोर 159* रन था. सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने के मामले में ऋषभ पंत केवल चेतेश्वर पुजारा से पीछे थे. पुजारा ने इस सीरीज में 521 रन बनाए थे. ऋषभ में पंत का इस सीरीज में औसत 58.33 का था, जबकि स्ट्राइक रेट 73.99 का रहा. इसके बाद वेस्ट इंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में उन्होंने 92, 92 रनों की दो पारियां खेलीं.
सबसे तेज 1 हजार रन बनाने वाला विकेटकीपर बल्लेबाज
बार्डर गवास्कर ट्रॉफी 2020-2021 के आखिरी टेस्ट मैच में 23 वर्षीय ऋषभ पंत सबसे तेज एक हजार रन बनाने के साथ ही टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को पीछे छोड़ दिया. पंत अब सबसे कम (27) पारियों में हजार रन बनाने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं. उनके बाद महेंद्र सिंह धोनी (32), फारुख इंजीनियर (36) और फिर ऋधिमान साहा (37) का नंबर आता है.
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