Raksha Bandhan 2024 : आज रक्षाबंधन का त्‍योहार मनाया जा रहा है. हालांकि, यूपी का एक ऐसा गांव हैं जहां पिछले 300 वर्षों से रक्षाबंधन का त्‍योहार नहीं मनाया गया. इसके पीछे की वजह भी उतनी ही चौंकाने वाली है. तो आइये जानते हैं इस गांव के लोग आखिर भाई-बहन के इस पर्व से दूरी क्‍यों बना ली?. 


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यह है यूपी का अनोखा गांव 
दरअसल, यूपी के संभल के पास बेनीपुर चक गांव है. इस गांव के लोग पिछले 300 वर्षों से रक्षाबंधन का त्‍योहार नहीं मनाते. इस गांव के लोग पहले अलीगढ़ के अतरौली के सेमराई गांव में रहते थे. इस गांव में ठाकुर और यादव मूल रूप से रहते हैं. कहा जाता है कि कई पीढ़‍ियों तक ठाकुर परिवारों में कोई बेटा नहीं हुआ, इसलिए इस परिवार की एक बेटी ने यादवों के बेटों को राखी बांधनी शुरू कर दी. इसके बाद एक बार रक्षाबंधन के त्‍योहार पर राखी बांधने के बाद ठाकुर की बेटी ने यादव भाई से उपहार में उसकी जमींदारी मांग ली. 


उपहार में मांग ली थी जमींदारी 
इसके बाद यादवों ने इस गांव को छोड़ने का फैसला कर लिया. हालांकि, ठाकुर की बेटी ने मजाक में यह उपहार मांगा था, हालांकि यादव भाइयों ने इसे सही मानकर गांव छोड़कर संभल के बेनीपुर चक गांव चले गए. तभी से यादव परिवार ने राखी का त्‍योहार न मनाने का फैसला कर लिया. गांव वालों का कहना है कि फ‍िर कोई जमींदारी न मांग ले, इसलिए राखी का त्‍योहार नहीं मनाते. यादव के अलावा बकिया गोत्र के लोग भी यहां रहते हैं वह भी रक्षाबंधन नहीं मनाते. 


रक्षा बंधन न मनाना परंपरा का हिस्‍सा बन गया 
कुछ गांव वालों का यह भी कहना है कि हर त्‍योहार और परंपरा उनकी संस्‍कृति का हिस्‍सा हैं. सदियों से हम इसका निर्वहन करते चले आ रहे हैं, लेकिन कुछ घटनाएं सोचने को मजबूर कर देती हैं. रक्षा बंधन न मनाना भी अब हमारी परंपरा का हिस्‍सा बन गया है. यही वजह है कि इस गांव के भाइयों की कलाई आज भी सूनी रहती है. गांव में कोई भी राखी नहीं बंधवाता है. 


डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


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