Shivling Jal Arpan: सावन का पवित्र महीना देवों के देव महादेव को अति प्रिय है. इन दिनों भगवान शिव की खास पूजा की जाती है. सभी मंदिरों में भगवान शिव का जल और दूध से विशेष अभिषेक किया जाता है. सावन के हर सोमवार को देवों के देव महादेव की पूजा करने से लोगों की मनोकामनाओं की पूर्ति के द्वार खुल जाते हैं. भगवान भोले तो एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं. सावन में शिवलिंग को जल चढ़ाने के कुछ नियम होते हैं जिनको आपको जानना चाहिए. क्योंकि भगवान भोले जितनी जल्दी खुश होते हैं उतनी ही जल्दी वह क्रोधित भी हो जाते हैं. जैसे शाम के समय शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए.इस लेख में जानते हैं भगवान शिव की पूजा में शाम के समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है और शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही नियम क्या है. जानते हैं कुछ नियम. 


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खड़े होकर न चढ़ाएं शिवलिंग पर जल
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भी आप शाम के समय शिवलिंग पर जल अर्पित करें तो आराम से बैठकर मंत्रोच्चार के साथ जल चढ़ाएं. अगर आप खड़े होकर जल अर्पित करते हैं तो इसका फल नहीं मिलता है. 


तांबे के पात्र से जल 
ध्यान रखें कि शिवलिंग पर हमेशा तांबे के पात्र से ही जल अर्पित करना चाहिए, ये शुभ माना जाता है. लोहे के बर्तन से शिवलिंग पर जल अर्पित न करें. पूजा के लिए तांबे के पात्र को सबसे अधिक शुभ माना जाता है.


गलत दिशा में जल अर्पण
पौराणिक कथाओं और शिव पुराण के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए कभी भी गलत दिशा में खड़े नहीं होना चाहिए. दक्षिण और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके शिवलिंग पर जल चढ़ाना अशुभ माना जाता है. शिव भक्तों के लिए हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुंह करके ही शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुभ होता है. पौराणिक मान्यता है कि उत्तर दिशा भगवान भोलेनाथ का बायां अंग माना जाता है, जहां माता पार्वती विराजमान हैं. इसलिए सही दिशा का चयन करना चाहिए.


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शंख से कभी नहीं चढ़ाएं जल
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने एक बार शंखचूड़ राक्षस का वध किया था. ऐसा कहा जाता है कि शंख उसी राक्षस की हड्डियों से बना होता है. इसलिए शंख से जल नहीं चढ़ाएं.


टूटे न जल धारा
इसके अलावा शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जलधारा न टूटे और एक साथ ही जल अर्पित करना अच्छा माना जाता है. क्योंकि जलाभिषेक के दौरान अगर जल की धारा टूट जाए तो इस पूजा का लोगों को इसका पूरा फल नहीं मिलता है.


शाम के समय न चढ़ाएं जल
शिव पुराण के अनुसार, भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर शाम के समय जल अर्पित करना अशुभ माना जाता है. शिवलिंग पर सुबह 5 बजे से 11 बजे के बीच जल अर्पित करना शुभ होता है. 


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


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