Noida School closed Today: यूपी के गौतमबुद्धनगर जिले में 12 सितंबर यानी आज सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे. एक दिवसीय अवकाश के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है. ये आदेश गुरु द्रोणाचार्य मेले (Dronacharya Mela) के चलते किया गया है. मेले की वजह से शहर में होने वाली भीड़ और जाम की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.बता दें कि हर साल दनकौर में लगने वाला गुरु द्रोणाचार्य मेला काफी मशहूर है और यहां पर दूर-दूर से लोग आते हैं.


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डीआईओएस की ओर से आदेश जारी
डीआईओएस डॉ. धर्मवीर सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अवकाश तालिका में कार्यकारी आदेशों के अंतर्गत 12 सितंबर को अवकाश घोषित किया गया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने गुरु द्रोणाचार्य मेले के उपलक्ष्य के अवसर पर छुट्टी के आदेश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है. आदेश के मुताबिक, गुरु द्रोणाचार्य जयंती के उपलक्ष्य में जिले के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया गया है. आदेश को कड़ाई से पालन करने का भी निर्देश दिया गया है. आदेश के मुताबिक, 13 सितंबर को स्कूल अपने तय समय पर खुलेंगे.


ग्रेटर नोएडा के दनकौर में द्रोणाचार्य मेला
दरअसल, गुरु द्रोणाचार्य जयंती के अवसर पर ग्रेटर नोएडा के दनकौर कस्बे में हर साल एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है. ये मेला बड़े स्तर पर आयोजित किया जाता है. दनकौर में लगने वाले इस मेले को देखने को लिए नोएडा-गाजियाबाद के साथ-साथ आसपास के जिले के लोग भी  पहुंचते हैं. ऐसे में शहर में किसी तरह की कोई अव्यवस्था न फैले इसको देखते हुए स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है.  मेले में लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए कई रास्ते बंद कर दिए जाते हैं.  ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. बता दें कि  महाभारत काल में कौरव और पांडवों के गुरु रहे द्रोणाचार्य के नाम पर ही इस मेले का आयोजन हर साल किया जाता है.


सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम
द्रोणाचार्य मेले में जुटने वाली भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी अच्छे इंतजाम किए गए हैं. दनकौर की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए चौक-चाराहों पर पुलिस के जवान भी तैनात नजर आएंगे. सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है. इस दौरान लोगों से किसी भी अफवाह से बचने की सलाह दी गई है.


इतिहास समेटे है दनकौर
दनकौर, महाभारत कालीन कौरव और पांडवों के शिक्षक रहे गुरू द्रोणाचार्य की राजधानी के रूप में विख्यात है. ऐसा कहा तो यहां तक जाता है कि इस नगर में स्थित द्रोणाचार्य मंदिर के पास आज भी रात के समय घोड़ों की टॉपों की आवाज साफ-साफ सुनी जा सकती है. दनकौर अपने आप में इतिहास व धार्मिक मान्यताओं को संजोए हुए है. पूरे देश में गुरू द्रोणाचार्य का एकमात्र मंदिर और प्रतिमा इसी नगर दनकौर के प्राचीन दनकौर मंदिर में स्थापित है. इस दुर्लभ मूर्ति को भील जाति के राजकुमार एकलव्य ने बनाकर यहीं पर धनुर्विद्या प्राप्त की थी. ये भी किवदंती है कि गुरू द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वथामा जिनके मस्तिष्क पर मणि थी वह अपने पिता के दर्शन करने यहां आते हैं. 


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