Acording To Ayurved: आयुर्वेद में लहसुन को किसी वरदान से कम नहीं माना नहीं गया है. लहसुन (गार्लिक) सदियों से हमारे किचन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा रहा है. लहसुन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है. लहसुन को कई रोगों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है.  यह फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम और जिंक से भरपूर है. इसके अलावा लहसुन में विटामिन C और विटामिन K भी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है.  कहने का अर्थ यह है कि लहसुन गुणों की खान है. इसके अनेक फायदों के लिए इसका इस्तेमाल कैसे करना है यहाँ पढ़ें.   


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सर्दी खांसी से बचाव के लिए 
अगर बच्चों को खांसी जुकाम हो रहा है और कफ जम रहा है तो सरसों के तेल में 3 -4  कलियाँ लहसुन की डालकर गरम कर दें. अब इस गुनगुने तेल से बच्चे की छाती पर मालिश करें. जमा हुआ कफ निकल जाएगा. अगर वयस्कों या बुज़ुर्गों को सर्दी खांसी हो तो  खाली पेट लहसुन (गार्लिक) की दो कली कुचल कर खाने से सबसे ज़्यादा फायदा होता है. 


पाचन दुरुस्त रखने के लिए 
पेट में जलन हो या गैस बनने की समस्या हो तो खाली पेट 1-2  कली लहसुन की खाएं. इससे पाचन प्रणाली दुरुस्त रहती है. कच्चा लहसुन खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं. लहसुन खराब बैक्टीरिया को समाप्त कर देता है और आंत में अच्छे बैक्टीरिया की रक्षा करता है जिससे पाचन प्रणाली दुरुस्त होती है. 


बीपी के लिए 
एक स्टडी में पाया गया है ब्लड प्रेशर के मरीज द्वारा कच्चे लहसुन का सेवन करने पर उनका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित हो जाता है. 


दिल के मरीजों के लिए 
लहसुन कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और दिल को तंदुरुस्त रखता है. इससे खून के थक्के नहीं जमते और दिल की सेहत ठीक रहती है. 


कील मुंहासों से छुट्टी दिलाता है 
अगर मुंह पर जेएल मुंहासे है या दाग धब्बे है तो लहसुन का रस लगाने से आराम मिलता है. फफोले या छाले होने पर भी लहसुन का रस आराम देता है. 


आँख और कान का संक्रमण 
बरसात के मौसम में आँख और कान में संक्रमण और दर्द होने पर लहसुन के रस की कुछ बूंदे डालने पर आराम मिलता है और धीरे धीरे संक्रमण ठीक हो जाता है.