Health News: हमारे शरीर के अंग हर उम्र में बदलते हैं. धीरे धीरे अंगों में यह बदलाव पूरे जीवन भर जारी रहता है. बाकी अंगों की तरह इंसान के दिमाग में भी बदलाव आता है. अगर आप चाहते हैं कि आपके दिमाग में बदलाव समय से पहले न आये तो तुरंत इन आदतों को छोड़ दें. 


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दिमाग सिकुड़ना क्या है  
विज्ञान के अनुसार 40 साल कि उम्र के बाद इंसान का दिमाग सिकुड़ने लगता है. मेडिकल साइंस की भाषा में इसे हिपोकैंपस कहते हैं. यानि हिपोकैंपस का सिकुड़ना.दिमाग अचानक से एक दिन या एक हफ्ते में नहिओ सिकुड़ता, यह धीरे धीरे सिकुड़ता है.  कुछ लोगों में यह प्रक्रिया समय से पहले शुरू हो जाती है. 50 -60  साल की उम्र के बाद यह गति तेज हो जाती है. गलत लाइफस्टाइल के कारण यह प्रक्रिया कभी कभी जल्दी हो जाती है. इसलिए हमें सावधान और सचेत रहकर अपनी दिनचर्या की इन आदतों के बारे में सोचना चाहिए. 


इन आदतों के कारण समय से पहले सिकुड़ सकता है दिमाग 
तनाव - हामरे शरीर के लिए सबसे घातक चीज है तनाव. व्यक्ति जब तनाव में रहता है तो वह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाता है. तनाव के कारण आपका दिमाग भी सिकुड़ सकता है. चाहे उम्र जो भी जो व्यक्ति तनाव में रहता है वह चीजों को याद रख पाने में कठिनाई महसूस करता है. हर बात के लिए दिमाग पर जोर डालना पड़ता है. 


नशा- जो व्यक्ति शराब पीते हैं या किसी अन्य प्रकार के नशे का ज्यादा सेवन करते हैं उनको हिपोकैंपस की समस्या से गुजरना पद सकता है. दिमाग में संकुचन होता है और व्यक्ति पर इसका बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. 


फोन और इंटरनेट की लत -  साइंटिफिक अमेरिकन द्वारा एक शोध किया गया है  जिसमें खुलासा हुआ है इंटरनेट और मोबाइल फोन के आदी हो चुके युवाओं का दिमाग बहुत तेजी से सिकुड़ रहा है.   कुछ युवाओं में यह समस्या 10 से 20 फीसदी पाई गई. अगर आप या आपके घर में कोई फोन और नेट का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करता है तो सावधान रहने की जरुरत है. 


पीठ दर्द - जिन लोगों को अक्सर पीठ दर्द रहता है और कभी कभी यह दर्द बहुत अधिक होता है तो इसका असर उनके दिमाग पर भी पड़ सकता है. ऐसे लोगों में दिमाग सिकुड़ने का अनुपात 11 फीसदी होता है.