History of Kadhi: कैसे और कहां पहली बार बनी कढ़ी? सैकड़ों साल पुरानी दिलचस्प कहानी
History of Kadhi: देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से बनाई जाने वाली कढ़ी अपने अलग स्वाद और सुगंध के लिए जानी जाती है. आज हम आपको बता रहे हैं कढ़ी के इतिहास के बारे में...
कढ़ी पारंपरिक भारतीय व्यंजन
कढ़ी एक पारंपरिक भारतीय व्यंजन है, जो दही और बेसन से बनाया जाता है. जिस कढ़ी को हम चटकारे लेकर खाते हैं, वो सबसे पहले कहां पर बनी होगी ये सवाल तो मन में जरूर आता होगा.
अलग-अलग मतभेद
इसकी उत्पत्ति के बारे में अलग-अलग मतभेद हैं, लेकिन यह माना जाता है कि कढ़ी की उत्पत्ति उत्तर भारत में हुई थी. ये बहुत पंसद किए जाने वाला व्यंजन है.
कढ़ी शाही व्यंजन
कढ़ी शाही व्यंजन है तो इसकी उत्पत्ति भी शाही घराने में हुई होगी और राजस्थान से ज्यादा शाही कौन सी जगह होगी. आखिर राजस्थान का मतलब ही है राजाओं की धरती. सेलिब्रेटी शेफ, कुनाल कपूर ने इंस्टाग्राम पर कढ़ी के बारे में एक पोस्ट शेयर की. उन्होंने बताया कि वैसे तो कढ़ी-चावल को पंजाबियों से रिलेट किया जाता है लेकिन कढ़ी की जड़ें राजस्थान से जुड़ी हैं.
सबसे पहले राजस्थान में
खाद्य इतिहासकारों के अनुसार, कढ़ी सबसे पहले राजस्थान में बनाई जाती थी. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि कढ़ी की उत्पत्ति राजस्थान में हुई थी, जहां यह व्यंजन मारवाड़ी और राजस्थानी व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
गुजरात और सिंध क्षेत्रों तक फैली
बाद में इसकी रेसिपी गुजरात और सिंध क्षेत्रों तक फैली. कढ़ी की उत्पत्ति गुजरात में भी हो सकती है, लेकिन राजस्थान में इसकी उत्पत्ति के बारे में अधिक प्रमाण हैं. हालांकि, हर क्षेत्र के लोगों ने इसमें अपने हिसाब से फेर-बदल कर लिया.
सबसे पहले कहां बनी कढ़ी
एक अन्य मत के अनुसार, कढ़ी की उत्पत्ति गुजरात में हुई थी, जहां यह व्यंजन काठियावाड़ी और गुजराती व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. मुगल काल में भी कढ़ी का जिक्र मिलता है.
लोकप्रिय व्यंजन
हालांकि, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि कढ़ी की उत्पत्ति कहां हुई थी, लेकिन यह निश्चित है कि यह व्यंजन उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय है और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में इसका उपयोग किया जाता है.
कढ़ी को बनाने का अपना तरीका
कढ़ी को भारत के कई क्षेत्रों में बनाया जाता है. पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी, सिंधी, और महाराष्ट्रीयन व्यंजनों में कढ़ी को बनाने का अपना तरीका है.
इसलिए बनाई गई कढ़ी
ऐसा भी माना जाता है कि सब्ज़ियों की कमी को पूरा करने के लिए रसोइयों ने डेयरी उत्पादों को कढ़ी में शामिल किया था.
छाछ और मक्के के आटे से बनी
राजस्थान में पहली बार कढ़ी को बेसन और दही से नहीं बनाया गया था, बल्कि छाछ और मक्के के आटे का इस्तेमाल किया गया था.
कढ़ी की वैरायटी
भारत में अलग-अलग तरीकों से कढ़ी बनाई जाती है. पंजाब में बनाई जाने वाली कढ़ी तीखी होती है. साथ ही, यहां बनाई जाने वाली कढ़ी में बहुत सारे मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. साउथ इंडियन कढ़ी में प्याज और लहसुन को भूनकर डाला जाता है. कढ़ी में सरसों के बीज, करी पत्ते और लाल मिर्च का क्लासिक तड़का लगाया जाता है. महाराष्ट्रियन कढ़ी में कोकम डाला जाता है. कोकम एक तरह का पानी है, जिसे हरी मिर्च और नमक डालकर पकाया जाता है. इस कढ़ी में नारियल का दूध भी डाला जाता है.
होते हैं पोषक तत्व
कढ़ी में विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, कैल्शियम, और फ़ॉस्फ़ोरस होता है. कढ़ी में आयरन और प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करती है. कढ़ी में ऐंटी-इन्फ़्लेमेटरी गुण होते हैं.
सेहत के लिए फायदेमंद
नियमित रूप से एक कप कढ़ी का सेवन आपकी स्किन और बालों के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि बेसन कोलेजन फॉर्मेशन को बढ़ावा देता है और इसमें सूजन--रोधी गुण (एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज) होते हैं. कढ़ी आपके डाइजेशन के लिए भी अच्छी रहती है. इसे खाने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है.
डिस्क्लेमर
यह सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. Zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.