UP News: शाहजहांपुर में मिले हड़प्पा काल के हथियार, पहले भी मिल चुकी है पुरातात्विक सामग्री
Shahjahanpur News: यूपी के शाहजहांपुर जिले में पांच हजार साल पुराने हथियार मिले हैं. यह हथियार 1600-2400 ईसा पहले के बताए जा रहे हैं. विशेषज्ञों के मानना है कि इसके अनुसार भारत में ऐसा पहली बार हुआ है. निगोही में मिले हथियारों की संख्या 200 से ज्यादा है.
UP News: उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर में हड़प्पा काल के हथियार मिले है. जिसमें हथियारों की संख्या 200 से अधिक बताई जा रही है. जिनमें तलवारें के अलावा भाले , कुल्हाड़ी, छेनी, चापर, चाकू, हस्तरक्षा कवच, आरी आदि शामिल हैं. पहले इस प्रकार के हथियार पूरे उत्तर भारत में पाए गए थे लेकिन उनकी सही तिथियां अभी तक प्राप्त नहीं की जा सकी थीं.
जमीन में दबे थे तंबे के हाथियार
शहजाद इंस्टीट्यूट के निदेशक अमित राय जैन का कहना है कि निगोही क्षेत्र में जमीन में दबे तांबे के हथियार कुछ सालों पहले मिले थे. जिन्हें एकत्र किया गया था. इंडियन जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजी के पूर्व डीजीपी विजय कुमार ने भी मिट्टी के टुकड़ों और कुछ हथियारों का अध्ययन किया.
पहले भी मिल चुकी है पुरातात्विक सामग्री
यूपी के शाहजहांपुर जिले में पुरातात्विक महत्व के साक्ष्य पहले भी कई बार मिल चुके हैं.
हड़प्पा सभ्यता से गुप्तकाल तक के देवी-देवताओं की मूर्तियां, हथियार, मृदभांड आदि मिलते रहे हैं. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि रेडियोकार्बन डेटिंग के माध्यम से बर्छी और तलवार जैसे हथियारों के समय का अनुमान लगाया जा सकता हैं. एसएस कॉलेज में इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. विकास खुराना ने बताया कि निगोही क्षेत्र में प्राप्त हथियारों की रेडियोकार्बन डेटिंग से इनका समय 24 सौ से 16 सौ ईसा पहले का निकला है. इन हथियारों की कार्बन डेटिंग से इतिहासकारों के दावे पर मुहर लग गई है कि जिले में मानव सभ्यता का अस्तित्व महाभारतकाल से भी प्राचीन का है.
निगोही में मिले थे हथियार
निगोही के गांव अंडखेड़ा में हथियार मिले थे. गांव अंडखेड़ा में 21 मार्च 2012 को अजीत सिंह यादव अपने मकान को बनवा रहे थे. जब मजदूरों ने खेत में जाकर खुदाई करी तो उन्हें खुदाई के दौरान कई हथियारनुमा संरचनाएं मिले थे. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने उन हाथियारों को अपने कब्जे में लिया था. जोकि 10 किलो 300 सौ ग्राम की दस वस्तु थी. जिसमें 2 बर्छियां और 7 मूर्तियां थी.
सिंधौली में आठ बर्छियां मिली
सिंधौली के बाजपुर गांव में साल 2013 अक्टूबर के महीने में नीरज मिश्रा के खेत से आठ बर्छियां पाई गई थीं. जिस पर एसएस कॉलेज के इतिहास विभाग के ऑर्कियोलोजिस्ट डॉ. दीपक सिंह के मुताबिक यह हथियार 45 सौ ईस पूर्व के है. जिनका इस्तेमाल जानवरों के शिकार के लिए किया जाता होगा.
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