IPS Amitabh Yash: यूपी के बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इसके बाद मौके पर यूपी पुलिस को मुस्तैद होना पड़ा. इस बीच पुलिस अधिकारी अमिताभ यश दंगाइयों को खदेड़ते दिखे. इस समय यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश एक जाना माना नाम हैं. जिन पर फिल्म भी बन चुकी है. ददुआ और अमिताभ यश के बीच हुए ‘घमासान’ पर जियो स्टूडियो ने इसी नाम से एक फिल्म बनाई है और इस फिल्म का प्रीमियर इसी हफ्ते मामी फिल्म फेस्टिवल में होने जा रहा है. इस फिल्म का नाम पहले ‘यश’ था और तब इसमें ददुआ की भूमिका इरफान खान निभाने वाले थे.आइए अमिताभ यश के बारे में आपको डिटेल में बताते हैं.


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मूल रूप से भोजपुर के हैं अमिताभ: आईपीएस अमिताभ यश मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. उनका संबंध भोजुपर जिले से है. उनके पिता रामयश सिंह भी बिहार कैडर के आईपीएस थे. बाद में रामयश सिंह डीआईजी पद से रिटायर हुए थे. इस समय अमिताभ यश यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हैं. 11 अप्रैल 1971 को जन्मे अमिताभ का बचपन पुलिस वालों के बीच ही बीता था. यहां तक कि उनकी पढ़ाई लिखाई पुलिस स्टेशन में ही होती थी. पढ़ाई लिखाई से लेकर खाने तक अमिताभ का पुलिस महकमे से गहरा जुड़ाव बचपन से ही रहा.


आईआईटी और डीयू में पढ़े: शायद इन्हीं सब चीजों का प्रभाव था कि आगे चलकर अमिताभ यश ने यूपीएससी क्लियर किया और आईपीएस बने. अपनी शुरुआती पढ़ाई के बाद अमिताभ आगे पढ़ने दिल्ली आ गए थे. यहां उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की. आगे की पढ़ाई के लिए फिर वे आईआईटी कानपुर चले गए.


यूपी पुलिस का पुराना नाम हैं अमिताभ : यह वर्ष 1996 था जब अमिताभ यश ने यूपीएससी की परीक्षा पास की. इसके दो साल बाद वह यूपी पुलिस से जुड़े. आईपीएस रहते अमिताभ यश को पहली पोस्टिंग संतकबीरनगर में मिली थी. 11 महीने बाद वह बाराबंकी ट्रांसफर हुए. आगे चलकर उन्होंने हरदोई, जालौन, सहारनपुर, महाराजगंज, सीतापुर, बुलंदशहर, नोएडा और कानुपर में कार्य किया.


ददुआ को ढेर कर हुए मशहूर : साल 2007 में वह एसटीएफ के एसएसपी नियुक्त किए गए. यही वह समय था जब उन्होंने कुख्यात डकैत ददुआ गिरोह का सफाया किया . ददुआ डैकत कोई मामूली अपराधी नहीं था बल्कि उसने 150 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारा था. ददुआ का असली नाम शिव कुमार पटेल था. बाद में वह चंबल के बीहड़ों में दहशत का दूसरा नाम बन गया था. ददुआ का आतंक 30 साल चला था. नेता तक उसके आगे सिर नवाने को मजबूर थे. अमिताभ इसके बाद 2017 में एसटीएफ के आईजी बने. 2021 में एडीजी बने. इस साल जनवरी में उनको यूपी का एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया.


एनकाउंटर करने में महारथी: गौरतलब है कि अमिताभ यश की पहचान एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में है. 150 के आस-पास एनकाउंटर कर चुके अमिताभ कई शातिर अपराधियों को ढेर कर चुके हैं. चंबल में उन्होंने निर्भय गैंग और ददुआ गैंग का सफाया किया. यहां तक कि विकास दुबे एनकाउंटर मामले में वे सम्मिलित थे. उन्होंने अतीक अहमद पर भी कार्रवाई की थी. अमिताभ यश के नेतृत्व में उमेश पाल हत्यांकाड मामले में अतीक के बेटे असद का एनकाउंटर हुआ था.