हरेंद्र नेगी/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. एसआईटी ने फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले 11 शिक्षकों का खुलासा किया है. इसमें से 5 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है. जबकि 6 फर्जी शिक्षकों पर भी निलंबन की तलवार लटक रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल,  रुद्रप्रयाग जिले में कुछ लोगों ने बीएड की फर्जी डिग्री बनाकर शिक्षा विभाग में नौकरी ली थी, लेकिन वैरिफिकेशन के दौरान इनके झूठ से पर्दा हट गया. एसआईटी ने अमान्य पत्रों के आधार पर नौकरी करने वाले 11 फर्जी शिक्षकों का भंडाफोड़ किया. इन सभी शिक्षकों ने 1994 से 2005 के बीच अपनी बीएड की डिग्री जमा कराई थी, लेकिन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में इन वर्षों के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. इसके आधार पर इनकी डिग्रियों को फर्जी माना गया.


एसआईटी ने शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए विभाग से सिफारिश की थी. जिस पर प्रशासन ने 11 में से 5 शिक्षकों को निलंबित कर दिया. इनमें कांति प्रसाद भट्ट, माया बिष्ट, विजय सिंह, राकेश सिंह और महेन्द्र सिंह का नाम शामिल है. जबकि शेष 6 शिक्षकों के कागजों की जांच अब भी जारी है. पड़ताल पूरी होने के बाद प्रशासन की ओर से इनपर भी एक्शन लिया जाएगा.


बताया जा रहा है कि 11 फर्जी शिक्षकों के अलावा शिक्षा निदेशालय ने जनपद से सात और शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के बारे में जानकारी मांगी है. ये शिक्षक बीएड की फर्जी डिग्री सहित अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्रों के मामले में शक के दायरे में हैं.