UP Crime News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से एक दिल-दहलाने वाला मामला सामने आया है. प्रयागराज के औद्योगिक क्षेत्र के बड़ी हल्दी गांव में छह साल के मासूम की नृशंस हत्या का राज खुल गया है. जांच में पता चला है, कि उसके साथ खेलने वाले तेरह साल के दोस्त ने ही उसे मौत के घाट उतार दिया. फिलहाल पुलिस ने हत्यारोपित को पकड़ लिया है. इस घटना ने सभी को हैरान कर दिया है. जब से मामले का खुलासा हुआ है, तब से जिले में हड़कंप मचा हुआ है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. 


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क्या है पूरा मामला 
प्रयागराज के औद्योगिक क्षेत्र के बड़ी हल्दी गांव में रहने वाले कामरान का बेटा  बुधवार शाम घर के बाहर खेलने के दौरान लापता हो गया था. इसके बाद गुरुवार सुबह घर से कुछ दूर स्थित खंडहर मकान के पास उसकी लाश पाई गई थी. इस मामले में कक्षा पांच में पढ़ने वाले हत्यारोपित को पुलिस ने पकड़ लिया है. जरा सी सख्ती पर आरोपित ने हत्या से पहले, हत्या और उसके बाद की कहानी उगल दी. 


जुवेनाइल कोर्ट 
बताया जा रहा है, कि हत्या वाली दोपहर मृतक अपने दोस्त के साथ खेल रहा था. जब दोनों खेल रहे थे तो कई और बच्चे भी थे. दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे इसलिए  मृतक उसके साथ दूर चला गया. फिर झाड़ियों में मृतक का दोस्त उसके साथ गलत हरकत करने की कोशिश करने लगा.  मृतक ने विरोध कर शोर मचाया तो डर गए आरोपित ने ईंट उठाकर उसके सिर पर मारी. तमीम गिरा तो आरोपित ने कई बार ईंट से उस पर प्रहार किया. बता दें, पुलिस आरोपित को जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने की तैयारी में है. उसके खिलाफ साक्ष्य जमा कर लिए गए हैं. 


सोशल मीडिया जिम्मेदार
इस बारे में मनोवैज्ञानिक राजकुमार राय कहते हैं कि बच्चों में इस मनोवृत्ति के लिए कहीं-न-कहीं सोशल मीडिया जिम्मेदार है. राजकुमार राय कहते हैं, बच्चे मोबाइल में देखते हैं और फिर उसे करने का प्रयास करते हैं, और उनसे गलतियां हो जाती हैं. कहीं न कहीं ऐसे मामलों में अभिभावक की गलती होती है. 


अभिभावकों को बच्चों पर नजर रखनी चाहिए 
मनोवैज्ञानिक जयमेंद्र कुमार मौर्य कहते हैं कि बाल्यवास्था से किशोरावस्था की शुरुआत में बच्चों में उत्साह अधिक होता है. उनमें कुछ नया करने की इच्छा होती है. बच्चे आजकल मोबाइल पर वीडियो-रील्स में ऐसी चीजे देखने के बाद वह भी ऐसा करना चाहते हैं. उन्हें सही-गलत का पता नहीं होता है. इसलिए वह अपने से कमजोर पर इसे आजमाने का प्रयास करते हैं. अभिभावकों को बच्चों पर नजर रखनी चाहिए कि वह टीवी, मोबाइल में क्या देख रहे हैं.