मनमोहन भट्ट/देहरादून: उत्तराखंड में नये साल का स्वागत करने के लिए आने वाले पर्यटकों को बर्फबारी का मजा लेने का एक और मौका मिल सकता है. मौसम विभाग ने नये साल पर बर्फबारी का अनुमान लगाया है. लेकिन, इस बर्फ के कारण पहाड़ों के साथ-साथ पूरे उत्तर भारत में सर्दी का प्रकोप और बढ़ेगा. दरअसल, भारी बर्फबारी के कारण उत्तराखंड के कई इलाकों में इन दिनों तामपान जीरो से 12 डिग्री नीचे तक लुढ़क गया है. इससे सामान्य जनजीवन भी कई जगह प्रभावित हो रहा है. वहीं, भारी बर्फ के कारण बदरीनाथ धाम में बर्फ का एक पहाड़ भी टूट गया. इससे आस पास के कई मकानों और दुकानों को नुकसान हुआ है. अक्सर ज्यादा बर्फ के कारण ही बर्फ के पहाड़ टूटते हैं.


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वहीं, कुमाऊं में कई जगह बर्फीले तूफान से भी जनजीवन प्रभावित हुआ है. उत्तराखंड में इस साल नवंबर के महीने से ही बर्फबारी शुरू हो गई. इस बर्फबारी के कारण की दिसंबर आते आते सर्दी का असर पूरे उत्तर भारत में दिखाई देने लगा. उत्तराखंड के पहाड़ों में जहां इस बर्फबारी के कारण कई जगहों का न्यूनतम तापमान जीरो से 12 डिग्री नीचे गिर गया है. औली, जोशीमठ, मसूरी, चकराता, हर्सिल, मुनश्यारी और नैनीताल में न्यूनतम तापमान शून्य ने नीचे चल रहा है. पारा गिरने के कारण कई जगह पानी की लाइनें भी जम गई हैं.


इस ठंड से आने वाले दिनों में भी निजात मिलती हुई नजर नहीं आ रही हैं. मौसम विभाग के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह चौहान का कहना है कि कई जगह तापमान में गिरावट देखी जा रही है. 31 दिसंबर के बाद एक बार फिर से मौसम बदल सकता है. 1 और 2 जनवरी को उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों पर एक बार फिर से बर्फबारी मिल सकती है. उत्तराखंड में सर्दी शुरू होते ही पर्यटन का सीजन फिर से शुरू हो जाता है. हालांकि, सर्दी कुछ परेशान जरूर करती है लेकिन, बर्फ का मजा लेने के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए ये एक खुश खबरी जरूर है.