इस बार उत्‍तर भारत में धूल भरी आंधियों/अंधड़, तूफान, बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं अप्रत्‍याशित रूप से देखने को मिल रही हैं. पिछले बुधवार को ऐसी ही घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की जानें चली गईं. अब फिर से अगले दो दिनों के भीतर इस तरह के अंधड़(duststorm) की चेतावनी जारी की गई है. इसकी भयावहता या तीव्रता का आकलन इस तरह किया जा सकता है कि इस बार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बाकायदा 13 राज्‍यों को इसके बारे में एडवाइजरी जारी कर सतर्क रहने को कहा है. हरियाणा के स्‍कूलों में तो 7-8 मई को बाकायदा छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है. इस संदर्भ में बड़ा सवाल यह उठता है कि वैसे तो आमतौर पर हर साल इन महीनों में आंधियां आती ही हैं लेकिन इस बार ये इतनी तबाही क्‍यों मचा रही हैं?


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धूल भरी आंधी/अंधड़(duststorm)
ये धूल, मिट्टी और रेत के घने बादलों से भरी ऐसी तेज हवाएं होती हैं जो मुख्‍य रूप से शुष्‍क और अर्द्ध-शुष्‍क क्षेत्रों में साल के इन्‍हीं महीनों में देखने को मिलती हैं. अंधड़ बेतहाशा गर्मी की वजह से उपजते हैं और इसमें बादलों में उपस्थित जल धरती तक पहुंचने से पहले ही वाष्‍प बनकर उड़ जाता है. इस कारण इसमें उपस्थित धूल शुष्‍क होती है और तेज हवाएं इनको धरती से 500 मी ऊपर तक ले जाती हैं. इन हवाओं की रफ्तार 100 किमी/घंटे और कुछ मामलों में तो 130किमी/घंटे तक होने के कारण ये भीषण रूप अख्तियार कर लेती हैं और जान-माल के लिहाज से भारी तबाही लाती हैं. हालांकि जब इन हवाओं की रफ्तार 50 किमी/घंटे के आस-पास होती है और इसमें बिजली जोरदार ढंग से कड़कती है और उपस्थित नमी के कारण बारिश होती है तो इसको ओलावृष्टि/तूफान (Thunderstorm) कहते हैं.


दिल्‍ली-NCR में तेज आंधी के साथ बारिश का अलर्ट, कई राज्‍यों में तूफान आने की संभावना


प्रभावित राज्‍य
आंधी और तेज बारिश के कारण पश्चिमी राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश खासा प्रभावित हुए हैं. यूपी में सबसे ज्‍यादा प्रभावित आगरा जिला रहा है. राजस्‍थान के भरतपुर, अलवर और धौलपुर जिलों में अंधड़ के कारण पड़ोसी आगरा सबसे ज्‍यादा प्रभावित हुआ है. हालांकि आगरा के अलावा यूपी के बिजनौर, बरेली, सहारनपुर, पीलीभीत, फिरोजाबाद, चित्रकूट, रायबरेली और उन्‍नाव जिले सबसे ज्‍यादा प्रभावित हुए हैं.


फिर तबाही क्‍यों?
मौसम विभाग के मुताबिक दरअसल अत्‍यधिक गर्मी, नमी की उपलब्‍धता, वातावरण में अस्थिरता और तेज हवाओं के कारण आंधी की स्थितियां उत्‍पन्‍न होती हैं. इस वक्‍त उत्‍तर भारत के मैदानी इलाकों में 40 डिग्री के आसपास तापमान है. नमी के दो स्रोत हैं-उत्‍तरी पाकिस्‍तान और जम्‍मू-कश्‍मीर के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से उत्‍पन्‍न हुई पूर्वी हवाएं. पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्‍पन्‍न शीत हवाओं ने वातावरण को अस्थिर कर दिया है. इसकी वजह से हरियाणा जैसे पश्चिमी क्षेत्रों में चक्रवाती हवाओं की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई है. कुल मिलाकर इन्‍हीं दशाओं के कारण इस बार अंधड़ ज्‍यादा तबाही मचा रहे हैं.


13 राज्यों में कल आंधी, तूफान के साथ बारिश होने की आशंका
इस बीच देश के कम से कम 13 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में सोमवार को आंधी- तूफान, भारी बारिश और ओलावृष्टि होने की आशंका है. यह जानकारी गृह मंत्रालय ने दी है.मंत्रालय ने बताया है कि जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ स्थानों पर कल आंधी - तूफान और ओलावृष्टि के साथ बारिश हो सकती है जबकि उत्तराखंड और पंजाब के कुछ स्थानों पर गरज-बरज के साथ बारिश आ सकती है और तेज हवाएं चल सकती हैं.


भारतीय मौसम विभाग के एक परामर्श का उल्लेख करते हुये गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ स्थानों पर कल भारी बारिश हो सकती है. अधिकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर भी गरज-बरज के साथ बारिश हो सकती है और तेज हवाएं चल सकती हैं.


अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के कुछ स्थानों पर धूल भरी आंधी चल सकती है और गरज के साथ बारिश हो सकती हैं. पिछले सप्ताह धूल भरी आंधी, तेज बारिश और बिजली गिरने के कारण पांच राज्यों में 124 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हो गये थे.