लखनऊ: आईपीएस प्रशांत कुमार को बुधवार को उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का चार्ज दिया गया है. प्रशांत कुमार करीब साढ़े तीन साल से यूपी की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. दरअसल, कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए. जिसके बाद अब प्रशांत कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गयी है. कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं.


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दरअसल, यूपी को लगातार चौथी बार कार्यवाहक डीजीपी मिला है. जिसके चलते पूर्व मुख्यमंत्री ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट कर लिखा, "लगता है एक बार फिर उप्र को कार्यवाहक डीजीपी मिलने वाला है. जनता पूछ रही है कि हर बार कार्यवाहक डीजीपी बनाने का खेल दिल्ली-लखनऊ के झगड़े की वजह से हो रहा है या फिर अपराधियों के संग सत्ता की सांठगांठ के कारण." 



यूपी को चौथी बार मिला कार्यवाहक डीजीपी 
गौरतलब है कि बीते करीब दो साल से यूपी पुलिस में कार्यवाहक डीजीपी से ही काम चल रहा है. इससे पहले डीएस चौहान, आरके विश्वकर्मा और विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बतौर कार्यवाहक डीजीपी ही तैनात थे. इसके बाद एक बार फिर आईपीएस प्रशांत कुमार यूपी चौथे कार्यवाहक डीजीपी बनाये गये हैं. डीजीपी मुख्यालय में कार्यरत सबसे वरिष्ठ डीजी होने के चलते प्रशांत कुमार को यूपी के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. 


इस पद के लिए नहीं मिलेगा अलग से कोई वेतन-भत्ता
कार्यवाहक डीजीपी की घोषणा होने के बाद प्रशांत कुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले. सीएम योगी ने उन्हें बधाई दी.  प्रशांत कुमार योगी सरकार के भरोसेमंद अफसरों में गिने जाते हैं. प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था, उप्र पुलिस महानिदेशक ई.ओ.डब्लू, उप्र लखनऊ पद के दायित्वों के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक विभागाध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार स्थायी नियुक्ति होने तक निर्णय लिया गया है. इस पद के लिए अलग से कोई वेतन भत्ता-देय नहीं होगा. 


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