Aligarh Muslim University Tibbia College: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के तिब्बिया कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर वेतन की मांग को लेकर पिछले लगातार 21 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. उनका कहना है जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती जब तक यह धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. बता दें एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अलीगढ़ समेत आसपास के जनपदों से हर रोज काफी तादात मरीज इलाज कराने के लिए मेडिकल पहुंचते हैं. बीते 21 दिन से तिब्बिया कालेज के रेजिडेंट डॉक्टरों की चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई है. जिसकी वजह से मरीज भी भटकते नजर आ रहे हैं.


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क्या बोले हड़ताल पर बैठे डॉक्टर
हड़ताल पर बैठी डॉक्टर फारुख का खान का कहना है कि पिछले 21 दिन से यहां पर प्रोटेस्ट में बैठे हुए हैं. हमारी सिर्फ छोटी सी डिमांड है जैसे कि यहां पर हमारे कई डिपार्टमेंट है. जिसमें से कुछ डिपार्टमेंट में वेतन मिल रहा है और कुछ डिपार्टमेंट ऐसे हैं जिनमें वेतन नहीं मिल रहा है. यहां इसलिए बैठे हैं ताकि हमें जो भी वेतन मिले. एएमयू प्रशासन से डिमांड है कि जो फाइनेंस मिनिस्ट्री में फाइल रुकी हुई है उसे आगे बढ़ाएं.


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हम करीब 60 से 70 लोग पिछले 21 दिन से यहां गर्मी में बैठे हुए हैं. हमें खुद बहुत परेशानी हो रही है. हम खुद चाहते हैं अपने पेशेंट को देखें पर हमारी भी तो मजबूरी है यहां पर बैठना. हम लोग चाहते हैं जो हम काम करें उसके लिए हम सभी को वेतन मिले. बता दें एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अलीगढ़ समेत आसपास के जनपदों से हर रोज काफी तादात मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. बीते 21 दिन से तिब्बिया कालेज के रेजिडेंट डॉक्टरों की चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई है. जिसकी वजह से मरीज भी भटकते नजर आ रहे हैं.


वहीं डॉक्टरों का कहना है कि हम सभी लोग अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अजमल खां तिब्बिया कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स है. हिंदुस्तान में हर कॉलेज, हर इंस्टिट्यूट में वेतन मिलता है. जो कि हमारी मेहनत की कमाई होती है. लेकिन सिर्फ हमारा कालेज है जहां रेजिडेंट डॉक्टर को वेतन नहीं मिलता है. हमारे यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेशन और मिनिस्ट्री से इतना ही कहना है कि जल्द से जल्द हम लोगों को वेतन दिलाया जाए. आज हम लोगों को 21 दिन हो गए इस कड़ी धूप में यहां. हम लोगों की हालत बहुत ज्यादा खस्ता हो चुकी है. ऐसी गर्मी में 2 डॉक्टर बेहोश हो चुके हैं.


यहां पर तकरीबन 84 डॉक्टरों को वेतन नहीं मिल रहा है. जिसमें से 60 से 70 डॉक्टर रोज यहां पर बैठते हैं. यह वेतन हम लोगों की मेहनत होती है. जो यहां पर रात -दिन पेशेंट देखते हैं और जो रिसर्च होता है उसको करने के लिए गवर्नमेंट हमें वेतन देती है. यह अनिश्चितकालीन हड़ताल है जब तक यह रिलीज नहीं हो जाता जब तक हम अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे.


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