Ramlala Statue in Ram Mandir: राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में भगवान श्री रामलला के मूर्ति चयन ( Ramlala Statue) की प्राक्रिया पूरी हो गई है. महाराष्ट्र के शिल्पकार द्वारा बनाये गए रामलला के चित्र पर सहमति बन गई है. इस मुख्य मूर्ति की एक्सक्लूसिव तस्वीर ( Exclusive Photo of Ramlala Statue) और उससे जुड़ी जानकारी Zee UPUK के पास है. नीलांबुज श्याम रंग वाले 51 इंच के भगवान रामलला की खड़ी मूर्ति ही राम मंदिर के मूल गर्भगृह में विराजमान होंगी. अप्रैल से मूर्ति को तैयार करने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा. इसके लिए कर्नाटक के मैसूर से आई शिला पर सहमति बन गई है, लेकिन अभी चयन पर निर्णय नहीं लिया गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शनिवार को महाराष्ट्र के वासुदेव कामत के चित्र पर बनी सहमति
अयोध्या में भगवान रामलला का भव्य मंदिर निर्माण कार्य प्रगति पर है. गर्भगृह को मकराना मार्बल से तैयार किया जा है. गर्भगृह में स्थापित होने वाली भगवान श्री रामलला की अचल मूर्ति को बनाये जाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. शनिवार को रामसेवक पुरम में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, शिल्पकारों व मूर्तिकारों की सामूहिक बैठक बुलाई गई. जिसमें पहले रामलला के स्वरूप पर मंथन किया गया. इस दौरान महाराष्ट्र के वासुदेव कामत द्वारा बनाये गए चित्र पर ट्रस्ट ने स्पष्टता जताई है. जिसे कुछ बदलाव के साथ तैयार किया जाएगा. 


ऐसी होगी रामलला की मूर्ति 
महाराष्ट्र शिल्पकार वासुदेव कामत ने बताया कि भगवान श्री रामलला की खड़ी मूर्ति ही होगी. इसका फैसला अपने भरतीय शिल्प शैली व शिल्प विज्ञान का ध्यान रखते हुए किया गया है. इस मूर्ति में रामलला धनुष व तीर लिए हुए हैं. 5 वर्ष की आयु वाले रामलला की मूर्ति 51 इंच की होगी. गर्भगृह में रामलला पैडिस्टल के ऊपर 10 इंच के एक कमल दल पर विराजमान होंगे. इस चित्र में कुछ बदलाव भी किए जाने हैं. बाद में  मुकुट और गहनों को लेकर भी इस मूर्ति में व्यवस्था करनी होगी. इसके लिए सभी शिल्पकारों ने अपने मत दिए हैं. 



फाइनल हुई मूर्ति के चित्र में भी होगा थोड़ा परिवर्तन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी जानकारी देते हुए बताया कि यहां पर जितने भी अलग-अलग प्रकार के पत्थर आए हैं, उनका शिल्पकार परीक्षण कर रहे हैं. इसमें हम अपना कोई भी मत नहीं दे सकते. शिल्पकार द्वारा चयन किए जाने की स्वीकृति होगी और वह प्रक्रिया अभी चल रही है. आज की बैठक में हमारे पास कुछ नए चित्र आए हैं, जिसमें महाराष्ट्र के वासुदेव कामत के चित्र बहुत ही बढ़िया लगे. उसमें भी थोड़ा सा हम लोग परिवर्तन चाहते हैं, जो अन्य लोगों के साथ संपर्क कर चेंज किया जाएगा. 


उन्होंने बताया कि अभी और कुछ पत्थर लाने की बात कही जा रही है. इसके लिए एक महीने का समय निर्धारित किया गया है. इसके बाद इन पत्थरों को क्लोज कर दिया जाएगा और आए हुए पत्थरों की ही मूर्तियां बनेंगी. उन्होंने कहा कि हम पत्थरों को टटोल रहे हैं. हर जगह के पत्थरों की अपनी अलग-अलग खासियत है. अलग-अलग विग्रहों में जो सबसे अच्छी मूर्ती होगी, उसका चयन किया जाएगा. 


Watch: नवरात्रि से चमकेगा इन 4 राशिवालों की किस्मत का सितारा, मां दुर्गा की होगी विशेष कृपा