Bajrang Punia: भारतीय पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया है. पूनिया ने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और संजय सिंह के चुनाव के विरोध में अपना पत्र सौंपने के लिए संसद पहुंचने की कोशिश की तो दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक दिया. पूनिया को जब दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने रोका तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मेरे पास कोई अनुमति नहीं है. अगर आप इस पत्र को प्रधानमंत्री को सौंप सकते हैं तो ऐसा कर दीजिये क्योंकि मैं अंदर नहीं जा सकता. मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही आक्रामक हूं. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के सामने फुटपाथ पर अपना पुरस्कार रख दिया. 


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पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया था. इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक पत्र भी लिखा. उन्होंने पत्र शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, 'मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है.' इससे पहले गुरुवार को साक्षी मलिक ने रेसलिंग से संन्यास लेने की घोषणा की थी. वह रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का नया अध्यक्ष संजय सिंह को बनाए जाने से नाराज थीं. बता दें कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की. 



पत्र में क्या लिखा? 
पहलवान बजरंग पूनिया ने पत्र में लिखा, "माननीय प्रधानमंत्री जी, उम्मीद है कि आप स्वस्थ होंगे. आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे. आपकी इस भारी व्यस्तता के बीच आपका ध्यान हमारी कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं. आपको पता होगा कि इसी साल जनवरी महीने में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर सेक्सुएल हरासमैंट के गंभीर आरोप लगाए थे, जब उन महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था. 


आंदोलित पहलवान जनवरी में अपने घर लौट गए, जब उन्हें सरकार ने ठोस कार्रवाई की बात कही. लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी जब बृजभूषण पर एफआईआर तक नहीं दर्ज हुई तब हम पहलवानों ने अप्रैल महीने में दोबारा सड़क पर उतरकर आंदोलन किया ताकि दिल्ली पुलिस कम से कम बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज करे, लेकिन फिर भी बात नहीं बनी तो हमें कोर्ट में जाकर एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी. 


जनवरी में शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल तक आते-आते 7 रह गई थी, यानी इन 3 महीनों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण सिंह ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया था. आंदोलन 40 दिन चला, इन 40 दिनों में एक महिला पहलवान और पीछे हट गईं. हम सबपर बहुत दबाव आ रहा था, हमारे प्रदर्शन स्थल को तहस-नहस कर दिया गया और हमें दिल्ली से बाहर खदेड़ दिया गया और हमारे प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी. जब ऐसा हुआ तो हमें कुछ समझ नहीं आया कि हम क्या करें. इसलिए हमने अपने मेडल गंगा में बहाने की सोची, जब हम वहां गए तो हमारे कोच साहिबान और किसानों ने हमें ऐसा नहीं करने दिया. उसी समय आपके एक जिम्मेदार मंत्री का फोन आया और हमें कहा गया कि हम वापस आ जाएं."


2019 में मिला था पद्म श्री
पद्म श्री भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है. बजरंग पूनिया को 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह पुरस्कार दिया था. उसी साल बजरंग को खेल रत्न पुरस्कार भी मिला था. भारत के सबसे सफल पहलवानों में पूनिया का नाम शामिल है. उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में चार, एशियन गेम्स में दो, कॉमनवेल्थ गेम्स में 3 जबकि एशियन चैंपियनशिप में 8 मेडल जीते हैं. 


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