Budget 2024: बजट के बाद सस्ता होगा मोबाइल-इलेक्ट्रानिक्स का सामान, सोना-चांदी महंगा, जानें कैसे आम आदमी पर असर
Budget 2024 Kya Sasta-Kya Mehenga: आज वित्त मंत्री सीतारमण ने करीब 1 घंटे की बजट स्पीच दी, जिसमें उन्होंने किसान, महिलाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अलग-अलग सेक्टर्स के लिए कई ऐलान किए.
Budget 2024 Kya Sasta-Kya Mehenga: मोदी सरकार के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसी भी तरह के टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन फिर जल्द ही मोबाइल फोन समेत तमाम इलेक्ट्रानिक्स के सामान सस्ते हो सकते हैं. जबकि सोने-चांदी के आभूषण महंगे हो सकते हैं. दरअसल, बजट के पहले ही मोबाइल फोन में इस्तेमाल कलपुर्जों पर आयात शुल्क घटा दिया है. टैक्स में ये बदलाव एक अप्रैल से लागू होगा. ऐसे में नए वित्तीय वर्ष में मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रानिक गैजेट्स की कीमतें घट सकती हैं. आइए जानते हैं कि पिछले बजट में सरकार की घोषणाओं से क्या सस्ता महंगा हुआ था...
आज वित्त मंत्री सीतारमण ने करीब 1 घंटे की बजट स्पीच दी, जिसमें उन्होंने किसान, महिलाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अलग-अलग सेक्टर्स के लिए कई ऐलान किए. हालांकि, इस बार बजट में कुछ भी सस्ता या महंगा नहीं हुआ है. जी हां, इस बजट में ऐसे कोई भी ऐलान नहीं हुए हैं, जिसके चलते देश में कुछ महंगा या सस्ता होगा.
दरअसल, 1 जुलाई, 2017 में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के लागू होने के बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी या एक्साइज ड्यूटी में बदलाव किया जाता है. जिसकी वजह से कुछ चीजें महंगी या सस्ता होती हैं. इस अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने एक्साइज या कस्टम ड्यूटी को लेकर कोई ऐलान नहीं किया है. ऐसे में देश में कुछ भी प्रत्यक्ष रूप से महंगा या सस्ता नहीं होगा.
मोबाइल हो सकते हैं सस्ते
हालांकि, अंतरिम बजट से एक दिन पहले यानी बुधवार को सरकार ने मोबाइल फोन बनाने में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी को घटा दिया है. इसे 15 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है. इस फैसले से मोबाइल फोन की कीमतों में कमी आ सकती है यानी ये सस्ते हो सकते हैं. जिन पुर्जों पर आयात ड्यूटी कम हुई उसमें बैटरी कवर, मेन लेंस, बैक कवर, प्लास्टिक, धातु, सिम सॉकेट, मेटल पार्ट्स, सेलुलर मॉड्यूल, मैकेनिकल आइटम्स शामिल है.
सोने-चांदी के गहने होंगे महंगे
हाल ही में सरकार ने सोने और चांदी के ऊपर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है. अब इंपोर्ट ड्यूटी 12.50 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी हो गई है. इसके अलावा कीमती धातुओं के सिक्कों पर भी इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 15% कर दिया है. इसमें 10% बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) और 5% AIDC (एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस) शामिल है. सोशल वेलफेयर सरचार्ज (SWC) को छूट है. सरकार ने कीमती धातुओं वाले प्रयुक्त उत्प्रेरकों पर भी आयात शुल्क बढ़ा दिया है. जिसके बाद अब गोल्ड-सिल्वर के हुक, पिन, स्क्रू पर इंपोर्ट ड्यूटी 12.5% से बढ़कर 15.5% हो गई है. इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने से कीमतों पर असर पड़ना स्वभाविक है. इंपोर्ट ड्यूटी की नई दरें 22 जनवरी से लागू हो चुकी हैं.
2014 से 2023 तक क्या सस्ता-क्या महंगा?
साल 2023 का बजट
पिछले साल यानी 2023 बजट की बात करें तो मोदी सरकार ने केंद्रीय बजट में टीवी, स्मार्टफोन और मोबाइल फोन के लिए लिथियम आयन की बैटरी जैसी वस्तुओं को सस्ता कर आम लोगों को राहत दी थी. वहीं, सिगरेट, आर्टिफिशयल आभूषण और हवाई यात्रा को महंगा कर दिया था.
साल 2022 का बजट
साल 2022 के आम बजट में आर्टिफिशियल आभूषण, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, पेट्रोलियम शोधन के लिए आवश्यक कुछ रसायन, सस्ते हो गए थे. वहीं, चॉकलेट, स्मार्टवॉच और ईयरबड आदि महंगे हो गए थे.
साल 2021 का बजट
साल 2021 के आम बजट में सोना, चांदी, चमड़े के उत्पाद, नायलॉन के कपड़े, लोहे, स्टील और तांबे से बने उत्पाद सस्ते हो गए थे. वहीं, मोबाइल फोन और चार्जर, आयातित रत्न और कीमती पत्थर, आयातित एसी और फ्रिज कंप्रेसर, आयातित ऑटो पार्ट्स महंगे हो गए थे.
साल 2020 का बजट
साल 2020 में कच्ची चीनी, स्किम्ड दूध, सोया फाइबर, सोया प्रोटीन, अखबारी कागज का आयात, हल्का और लेपित कागज, सस्ते हो गए थे. वहीं, चिकित्सा उपकरण, जूते, फर्नीचर, दीवार के पंखे, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद, चीनी मिट्टी से बने बर्तन महंगे हो गए थे.
साल 2019 का बजट
साल 2019 में मोदी सरकार ने सेट टॉप बॉक्स, आयातित रक्षा उपकरण, ईवी के आयातित हिस्से, कैमरा मॉड्यूल, मोबाइल फोन चार्जर आदि सस्ता कर दिया था. वहीं, पेट्रोल, डीजल, प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये से अधिक नकद निकासी, पूरी तरह से आयातित कारें, स्प्लिट एसी, सिगरेट, हुक्का और चबाने वाले तंबाकू उत्पाद महंगे हो गए थे.
साल 2018 का बजट
साल 2018 में मोदी सरकार ने कच्चा काजू, सोलर टेम्पर्ड ग्लास को सस्ता कर दिया था. कार, मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन, सोना, चांदी, सब्जियों और फलों के रस, धूप का चश्मा, इत्र, जूते, हीरे, नकली आभूषण, गद्दे, लैंप, कलाई घड़ियां, वीडियो गेम आदि महंगे कर दिए थे.
साल 2017 का बजट
साल 2017 के आम बजट में एलईडी लैंप, सौर पैनल, मोबाइल के लिए सर्किट बोर्ड, माइक्रो एटीएम, फिंगर-प्रिंट मशीनें, रेल यात्रा, सौर टेम्पर्ड ग्लास का आयात सस्ता हो गया था. वहीं, चांदी के सिक्के, सिगरेट, तंबाकू, बीड़ी, पान मसाला, पार्सल के माध्यम से आयातित सामान, फिल्टर पानी महंगा हो गया था.
साल 2016 का बजट
साल 2016 के आम बजट में जूते, सोलर लैंप, राउटर, ब्रॉडबैंड मॉडेम, सेट टॉप बॉक्स, सीसीटीवी कैमरे, पेंशन योजना, माइक्रोवेव ओवन, सैनिटरी पैड को सस्ता किया गया था. वहीं कार, सिगरेट, तम्बाकू, बीड़ी, गुटखा, बिल भुगतान सेवा, बाहर खाना, हवाई यात्रा, रेडीमेड वस्त्र, सोना, चांदी, खनिज पानी, 2 लाख रुपये से अधिक नकद वाली वस्तुएं और सेवाएं महंगी कर दी गई थीं.
साल 2015 का बजट
साल 2015 के आम बजट में खनिज पदार्थों को सस्ता कर दिया था. साथ ही पवन ऊर्जा जनरेटर, सौर वॉटर हीटर सिस्टम, अगरबत्ती, पेसमेकर, एम्बुलेंस, 1,000 रुपये से अधिक कीमत वाले चमड़े के जूते, आयातित एलसीडी/एलईडी टीवी पैनल, मोबाइल और टैबलेट, चमड़े के जूते सस्ते हो गए थे. वहीं, मिनरल वाटर, बैग, तंबाकू, सिगरेट, सीमेंट आदि महंगे हो गए थे.
साल 2014 का बजट
साल 2014 की बात करें तो मोदी सरकार ने मोबाइल, कंप्यूटर, साबुन, एलसीडी टीवी, हीरे की ज्वेलरी को सस्ता कर दिया था. वहीं, सिगरेट, रेडियो टैक्सी, आयातित इलेक्ट्रॉनिक आइटम, आयातित वस्त्रों को महंगा कर दिया था.
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