BYJU's Crisis: एडटेक कंपनी बायजूस (BYJU’s) गहरे संकट में फंसी हुई है. धीरे-धीरे बायजूस कि आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही है. हालत ये हो गई है कि कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने स्टाफ को सैलरी देने के लिए अपना घर गिरवी रखना पड़ा है. जानकारी के मुताबिक, Byjus के फाउंडर ने बेंगलुरु में अपने दो फैमिली होम के साथ एक निर्माणाधीन घर भी गिरवी रख दिया है. ऐसा करके उन्होंने 12 मिलियन डॉलर यानी करीब 100 करोड़ रुपये जुटाए ताकि स्टाफ को सैलरी दी जा सके.  


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एडटेक स्टार्टअप बायजूस पर करीब 800 मिलियन डॉलर का लोन है. वहीं, फाउंडर पर 400 मिलियन डॉलर का लोन है. हाल ही में ही खबर आई थी कि बायजूस 1.5 अरब डॉलर का टर्म लोन का ब्याज नहीं चुका सकी, जिसके चलते कंपनी को कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा हाल ही में कंपनी ने अमेरिका की किड्स डिजिटल रीडिंग प्लेटफार्म को भी 400 मिलियन डॉलर में बेच दिया है. इसके बावजूद कंपनी की आर्थिक संकट से नहीं उबर पा रही. 


2011 में शुरू हुई बायजूस के अर्श से फर्श तक की कहानी 
बायजूस की शुरुआत बायजू रवींद्रन  (Byju Ravindran) और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने की थी. उन्हीं के नाम पर इसका नाम रखा गया. रवींद्रन  ने 2011 में थिंक एंड लर्न नामक कंपनी बनाकर कक्षा 1-12वीं तक के छात्रों को कोचिंग देने की शुरुआत की. 2015 में कंपनी ने बायजूस (BYJU’s) लर्निंग ऐप लॉन्च किया. मार्च 2018 में बायजूस यूनिकॉर्न बन गई. 2019-2020 में Byju’s दुनिया में सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाला एडटेक स्टार्टअप बन गया. 


कोरोना काल यानी 2019-20 में कंपनी पीक पर थी. इस दौरान कंपनी ने बंपर कमाई की. कोविड के दौरान कंपनी का वैल्यूएशन 85 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया था. जिसके बाद कंपनी ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेस, ग्रेट लर्निंग और व्हाइट हैट जूनियर जैसी कई कंपनियों को खरीद लिया. इसके साथ ही शाहरुख खान, लियोनल मेसी समेत कई बड़े स्टार्स एड में नजर आने लगे. धीरे-धीरे बायजूस ICC और FIFA के इवेंट में नजर आने लगा. वहीं कोविड महामारी का खतरा टलने के बाद जैसे ही स्कूल-कोचिंग खुलने लगे, कंपनी धीरे-धीरे नुसकान की ओर जाने लगी. बायजूस के पतन की कहानी पहली बार सार्वजनिक रूप से तब सामने आई जब कंपनी ने वर्ष 2021 के वित्तीय आंकड़े 18 महीने लेट जारी किए. 


ईडी की पड़ी थी रेड 
आर्थिक संकट से जूझ रही बायदूस को तब बड़ा झटका लगा, जब ईडी की रेड पड़ी. अप्रैल 2023 में बायजूस के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बायजूस के सीईओ रवींद्रन के ऑफिस और घर पर छापा मारा था. ईडी के मुताबिक, कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2020-21 के बाद से वित्तीय खाता तैयार नहीं किया है. कंपनी के खातों का ऑडिट भी नहीं किया गया है, जो कि अनिवार्य होता है. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि रवींद्रन बायजू को कई समन भेजे गए, लेकिन वह बचते रहे और कभी ईडी के सामने पेश नहीं हुए. 


छापेमारी के दौरान पता चला कि रवींद्रन  बायजू की कंपनी ‘थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड’ को 2011 से 2023 के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के तहत करीब 28,000 करोड़ रुपये मिले. एजेंसी के मुताबिक, ‘‘कंपनी ने भी इस अवधि के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नाम पर विभिन्न विदेशी प्राधिकारों को करीब 9,754 करोड़ रुपये भेजे. कंपनी ने विज्ञापन और विपणन के नाम पर लगभग 944 रुपये का खर्च दिखाया, जिसमें विदेशी क्षेत्राधिकार को भेजी गई राशि भी शामिल थी.


मार्च, 2022 में कंपनी का मार्केट वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर था. बायजू ने पिछले वर्ष अक्टूबर में ऐलान किया था कि वह अगले छह महीनों में 2,500 कर्मियों को निकालेगी और 10,000 शिक्षकों को भर्ती करेगी. बायजू ने 2020-21 में 4,588 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया, जो 2019-20 में 231.69 करोड़ रुपये से 19 गुना था. कंपनी का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2019-20 के 2,511 करोड़ रुपये से घटकर 2020-21 में 2,428 करोड़ रुपये रह गया था. कंपनी ने अभी वित्त वर्ष 2021-22 का वित्तीय लेखा-जोखा जारी नहीं किया है. 


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