लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में विपक्ष पर जमकर हमला बोला. सीएम योगी ने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के नाम पर देश और प्रदेश में अव्यवस्था पैदा करने की कोशिश की जा रही है. जिस प्रशासनिक मशीनरी को विकास के कार्यों के साथ जुड़ना चाहिए, उसकी ऊर्जा को मोड़ा जा रहा है. प्रदेश के विकास को अवरुद्ध करने और देश की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि विपक्ष किसी मुगालते में न रहे, अब कयामत के दिन नहीं आने वाले.


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सीएए के नाम पर भ्रम पैदा कर रहा विपक्ष
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जो लोग सीएए के नाम पर आगजनी, तोड़फोड़ और कानून को बंधक बनाकर अपने हिसाब से चलाने की सोच रहे हैं, वे यह जान लें कि यह कभी नहीं हो पाएगा. हम सुरक्षा सबको देंगे. सीएए नागरिकता देने का कानून है, इसे कांग्रेस की सरकार ने ही बनाया था. इसमें केवल एक संशोधन किया गया है. नागरिकता देने की समय सीमा को 11 वर्ष से घटाकर पांच वर्ष किया गया है.
उन्होंने सीएए को लेकर विपक्ष के रवैये को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि सीएए के नाम पर विपक्ष लोगों में भ्रम पैदा कर रहा है. यह समाज की अपूर्णीय क्षति है और देश के संविधान के साथ धोखा है. आने वाली पीढ़ी इस कृत्य के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेगी.


''जिनकी प्रवृत्ति फाइव स्टार कल्चर की हो, वे क्या जानें दलित की पीड़ा''
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इंसेफेलाइटिस से 40 वर्षों से बच्चे मर रहे थे. कुशीनगर से लेकर सहारनपुर तक की पूरी तराई की बेल्ट के 38 जिले इससे पीड़ित थे. पिछली सरकारों के पास इसे दूर करने की फुर्सत ही नहीं थी. इस बीमारी से मरने वाले बच्चों में 90 प्रतिशत बच्चे दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के थे. लेकिन, इस पर कोई नहीं बोलता था. जिनकी प्रवृत्ति फाइव स्टार कल्चर की हो, वह गरीब और दलित की पीड़ा को क्या समझेंगे. हमारी सरकार इंसेफेलाइटिस के प्रकोप को विगत वर्ष तक 56 फीसदी तक कम करने में सफल रही और मौत के आंकड़ों में 81 फीसदी तक की कमी आई.


''पहले नौकरी के नाम पर वसूली के लिए लोग झोला लेकर निकलते थे''
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमारे युवाओं को जहां भी अवसर मिला, उन्होंने अपनी प्रतिभा की धाक जमाई है. लेकिन पिछली सरकारों ने उन्हें सुविधाओं और अवसरों से वंचित रखा. नौकरी के नाम पर लोग वसूली के लिए झोला लेकर निकल पड़ते थे. अकेले उत्तर प्रदेश पुलिस में हमारी सरकार ने 1 लाख 37 हजार भर्तियां की हैं. पूरी भर्ती पारदर्शी तरीके से हुई है, एक भी भर्ती पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है. यही नहीं लगभग पौने तीन लाख से अधिक युवाओं को हम सरकारी नौकरियां देने में सफल रहे हैं.


''बजट सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का प्रतीक''
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने प्रदेश को संकुचित दायरे में कैद कर रखा था. जिसका परिणाम था कि प्रदेश की 23 करोड़ की आबादी के लिए 2015-16 में केवल तीन लाख करोड़ रुपये का बजट लाया गया था. हमारी सरकार नेक नीयत के दायरे में रहकर प्रदेश का बजट पांच लाख 12 हजार 860 करोड़ 72 लाख रुपये पहुंचाने में सफल रही है. यह सरकार की सकारात्मक सोच है. उत्तर प्रदेश का यह बजट सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का प्रतीक बना है.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके तक शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाया जा रहा है. बुनियादी ढांचागत विकास और औद्योगिक निवेश के साथ-साथ प्रदेश के समग्र विकास की परिकल्पना साकार हो रही है. जिसका परिणाम है कि विगत तीन वर्षों में हम लोगों को हर क्षेत्र में नयापन देखने को मिला है और लोगों के मन में एक विश्वास जगा है.