Deoria Hatyakand: उत्तर प्रदेश के देवरिया में बीते दिन जमीन के विवाद को लेकर छ: लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस घटना में सत्य प्रकाश दुबे सहित उनके परिवार के पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. बीती देर रात शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस हत्याकांड में मृतक सत्य प्रकाश दुबे के बड़ा बेटे देवेश का बयान सामने आया है. देवेश घर पर न होने की वजह से बच गया था. उसने बताया कि छोटे भाई ने घटना से पहले फोन कर बताया था कि बदमाशों ने उन्हें घेर लिया है. 


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2 अक्टूबर को ही भाई गांधी का था जन्मदिन 
देवेश ने बताया कि वह भागवत कथा में बलिया गया था. कल मेरे भाई गांधी का जन्मदिन था. उसने मुझे फोन भी किया था कि भैया मेरे लिए क्या गिफ्ट लाओगे. मैंने उससे कहा था कि लौट कर आऊंगा तो तुम्हारे लेकर गिफ्ट जरूर लाऊंगा. जब मैं लौट कर आया तो घर पर उसका शव मिला. देवेश ने बताया कि उसके छोटे भाई गांधी ने फोन किया था कि बदमाशों ने घर को घेर लिया है और मारने की धमकी दे रहे हैं. देवेश ने सरकार से न्याय की गुहार लगाते हुए सभी आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है. मामले में मृतक सत्य प्रकाश दुबे की बेटी की तहरीर पर 27 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में पुलिस और पीएसी भी तैनात है. 


जमीन विवाद के चलते हुई वारदात
दरअसल यह पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि सत्यप्रकाश दुबे के भाई साधु दुबे ने अपने हिस्से की लगभग 10 बीघा जमीन गांव के दूसरे टोले के रहने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव को बेच दी थी. जमीन बेचने के बाद वह प्रेमचंद यादव के घर रहते थे. तीन माह पहले साधु दुबे गुजरात चले गए. इसके बाद सत्यप्रकाश दुबे अपने भाई की जमीन देखने पहुंच गए और फिर यहीं से झगड़ा शुरू हो गया. 


जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा 8 साल का अनमोल 
जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह प्रेम यादव सत्यप्रकाश दुबे के घर पर आए थे. इस दौरान कहासुनी हुई. सत्यप्रकाश दुबे और उनके परिजनों ने प्रेम यादव की धारदार हथियार से हत्या कर दी. इस बात से आक्रोशित प्रेम यादव के टोले अभयपुर से आए लोगों ने सत्यप्रकाश दुबे के घर पर हमला कर पति-पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे को मौत के घाट उतार दिया. मरने वालों में सत्य प्रकाश दुबे, उनकी पत्नी किरन दुबे, बेटी सलोनी, नंदनी और बेटा गांधी शामिल हैं. इस पूरी वारदात में मासूम को भी नहीं बख्शा गया. हमलावरों ने मृतक के आठ साल के बेटे अनमोल को भी बुरी तरह मारा है. वह गंभीर रूप से घायल है और हॉस्पिटल में जिंदगी- मौत की जंग लड़ रहा है. 


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