Do you know Uttrakhand Fairy Hill: हम सब ने परियों के बारे में खूब सुना हैं. बचपन में फिल्मों और किताबी कहानियों में परी की कहानी सुनते हुए हम कल्पना के संसार में खो जाते थे. परियां होती हैं या नहीं इस बार पर सबका अपना अपना मत है. कोई परियों की बात को कोरी कल्पना मानता है तो कोई इनके होने को एकदम सच समझता है. कहते हैं परियां बहुत सुंदर होती हैं और अगर किसी पर मेहरबान हो जाएं तो अपनी जादू की छड़ी से उसकी कामना पूरी कर देती हैं और अपने चमत्कार से जीवन बदलकर रख देती हैं. तो अब अगर आपके मन में भी परी देश जाने का ख्याल आ रहा हैं तो पहुँच जाएं उत्तराखंड की इस जादुई जगह पर.


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यहां है परियों का पहाड़ 
सबसे पहले उत्तराखंड के ऋषिकेश पहुंचना होगा. यहां से सड़क मार्ग से होते हुए टिहरी गढ़वाल जिले के फेगुलीपट्टी के थात गांव पहुंचना होगा . यहां से आगे आप पैदल चलकर ही परियों के देश खैट पर्वत पर जा सकते हैं. गुंबदाकार यह खैट पर्वत की समुद्रतल से ऊंचाई करीब 10000 फीट है. इस पर्वत पर एक अलग सी अनुभूति होती हैं. यहां रहने वाली परियां यहां के आस पास के गांवों की रक्षा करती हैं. पहाड़ों में परियों को आछरि कहा जाता है. 


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रहस्यमयी परी मंदिर 
थात गांव से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर खैटखाल नाम की जगह है. यहां का एक परी मंदिर है, जिसमें परियों की पूजा होती है. इस मंदिर को यहां के रहस्यों का केन्द्र माना जाता है. यहां चारों तरफ पूरे साल हरियाली रहती है, पहाड़ के पेड़ों पर फल फूल हमेशा लगे रहते हैं. इस पर्वत से लाया गया पौधा कहीं और जड़ ही नहीं लेता और सूख जाता है. कहते हैं कि इस पर्वत पर अखरोट और लहसुन की खेती अपने आप हो जाती है. गाँव के निवासी यहां परी देखने का दावा करते हैं लेकिन किसी के पास कोई ठोस सबूत नहीं है.  जून के महीने में यहां परी मेला भी लगता है.


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