Nepal Earthquake: भूकंप से 128 की मौत, यूपी-उत्तराखंड से सटे नेपाल के इलाके में दिखा तबाही का मंजर
Nepal Earthquake: नेपाल के जाजरकोट जिले में शुक्रवार आधी रात को आए भूकंप के तेज झटकों के कारण कम से कम 128 लोगों की मौत हो गई है.
Nepal Earthquake: नेपाल में शुक्रवार रात आए भूकंप ने तबाही मचा दी. कई घर और इमारत ढह गए, जिसमें दबकर कई लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि भूकंप के कारण यहां 128 लोगों की मौत हो गई. सरकारी ‘नेपाल टेलीविजन’ के अनुसार, पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट और रुकुम जिलों में 80 लोगों की मौत हो गई और 140 से अधिक लोग घायल हो गए. यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ शनिवार सुबह एक चिकित्सकीय दल के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हुए. वहीं, नेपाल सेना और पुलिस बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.
लामिडांडा में था भूकंप का केंद्र
नेपाल में आए 6.4 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र जाजरकोट जिले के लामिडांडा में था. शुक्रवार रात 11 बजकर 47 मिनट पर आए भूकंप का असर काठमांडू, इसके आसपास के जिलों से लेकर भारत तक में महसूस किया गया. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था. नेपाल में एक महीने में तीसरी बार तेज भूकंप आया है.
नेपाल के अधिकारी ने बताया, "भेरी अस्पताल, कोहलपुर मेडिकल कॉलेज, नेपालगंज सैन्य अस्पताल और पुलिस अस्पताल को भूकंप प्रभावितों के लिए समर्पित अस्पताल बनाया गया है. नेपाल में सभी हेली-ऑपरेटरों को तैयार रहने के लिए कहा गया है और प्रभावित क्षेत्रों से घायलों को एयरलिफ्ट करने की सुविधा के लिए नियमित उड़ान आवाजाही निलंबित कर दी गई है. नेपालगंज हवाई अड्डे और सैन्य बैरक हेलीपैड पर एक एम्बुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं."
नेपाल से यूपी तक डोली धरती
नेपाल में आए इस भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए. चारों तरफ दहशत का माहौल बन गया. लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकलने लगे. भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बस्ती, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी, गोंडा, प्रतापगढ़, भदोही, बहराइच, गोरखपुर और देवरिया जिलों के अलावा बिहार के कटिहार, मोतीहारी तथा पटना में भी महसूस किए गए.
2015 में आए भूकंप में करीब 9000 लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब कि इससे पहले साल 2015 में नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका एपिसेंटर लामजंग से करीब 34 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व और काठमांडू से 77 किमी उत्तर-पश्चिम में था. इसकी गहराई करीब 15 किमी थी. तब भूकंप में करीब 9,000 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 22,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इस दौरान 5 लाख से अधिक घर तबाह हो गए थे.
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