Shashi Ruia death: रतन टाटा के बाद एक और बड़े उद्योगपति का निधन, हजारों करोड़ का बिजनेस
Shashi Ruia death: भारतीय अरबपति एस्सार ग्रुप के सह संस्थापक शशि रुइया अब इस दुनिया में नहीं रहे. 1965 में पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में शशि ने चेन्नई पोर्ट में एक आउटर ब्रेकवाटर बनाने के साथ अपने ऑपरेशन की शुरुआत की थी।
Essar Group Latest News: एस्सार समूह (Essar Group) के को-फाउंडर शशि रुइया का 25 नवंबर, 2024 को निधन हो गया. वे 80 साल के थे. खबरों के मुताबिक, रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा. उनके दो बेटे प्रशांत और अंशुमान हैं, जो ग्रुप लीडरशिप में शामिल हैं. रुइया के निधन पर परिवार के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शशिकांत रुइया की असाधारण विरासत हम सभी के लिए एक मार्गदर्शक बनी रहेगी, क्योंकि हम उनकी दृष्टि का सम्मान करते हैं.उन मूल्यों को कायम रखना जारी रखेंगे, जिन्हें उन्होंने पोषित और समर्थन किया था. उनके निधन से परिवार में शोक का माहौल है, जबकि उद्योग जगत के लोग उनके निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त कर रहे हैं. पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.
अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा पार्थिव शरीर
आज 26 नवंबर की दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रुइया हाउस में रखा जाएगा. शाम 4 बजे अंतिम यात्रा निकलेगी. हिंदू वर्ली श्मशान में अंतिम संस्कार किया जाएगा. शशि रुइया के दो बेटे प्रशांत और अंशुमान हैं. दोनों ही ग्रुप की लीडरशिप का हिस्सा हैं.
शशि रुइया का जीवन
पहली पीढ़ी के उद्यमी और उद्योगपति, शशि रुइया ने 1965 में अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में अपनी यात्रा शुरू की. 1969 में भाई रवि रुइया के साथ मिलकर उन्होंने एस्सार ग्रुप बनाया था, जो स्टील, एनर्जी, पॉवर, कम्युनिकेशन, शिपिंग, पोर्ट्स और लॉजिस्टिक समेत कंस्ट्र्क्शन सेक्टर में काम करती है. इस कंपनी का हेडक्वार्टर मुंबई में है. वह कई नेशनल और इंडस्ट्री बॉडीज में अहम पदों पर रहे. शशि फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की मैनेजिंग कमेटी का भी हिस्सा रह चुके हैं. वे भारत-अमेरिका संयुक्त व्यापार परिषद के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय जहाज मालिक संघ के पूर्व अध्यक्ष भी थे. वे प्रधानमंत्री के भारत-अमेरिका 1965 में शुरू किया था करियर फोरम और भारत-जापान व्यापार परिषद के सदस्य भी थे.