GK Quiz: `बाप न मारेन फड़की, बेटवा तीरनदास` कहावत सुनी तो होगी, पर क्या जानते हैं इसका मतलब, पुरखों से जुड़ी है रोचक कहानी
GK Quiz: आपने अपने जीवन में बहुत सी कहावतें सुनीं और हो सकता है आपने इनका इस्तेमाल भी किया हो, `‘बाप न मारेन फड़की, बेटवा तीरनदास` वाली कहावत तो आपने सुनी ही होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कहावत का मतलब क्या है?
Gk Questions: हमारी जिंदगी में कहावतें और लोकोक्तियां का अहम स्थान है. अक्सर हमने अपने बड़े-बुजुर्गों को स्थानीय लोकोक्तियां या फिर मुहावरे और कहावतें भी कहते सुना होगा. कुछ आपके पल्ले पड़ती होंगी तो कुछ आपकी समझ से परे होती हैं. कहीं न कहीं ये कहावतें हमारी रोज की जिंदगी से जुड़ी हुई होती हैं. इनका कुछ न कुछ इतिहास भी होता है. आज हम एक ऐसी ही कहावत की बात करेंगे, जिसे कोई भी कभी भी इस्तेमाल कर लेता है.
लोकप्रिय कहावतों में एक
काफी लोकप्रिय कहावतों की बात करें, तो उनमें ‘बाप न मारेन फड़की, बेटवा तीरनदास' वाली कहावत लगभग हर किसी ने सुनी होगी. हो सकता है कि आपने भी कई बार इसका इस्तेमाल भी किया होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि इस कहावत में ‘बाप न मारेन फड़की’ का मतलब क्या है? हो सकता है कि कुछ लोगों को इसका मतलब पता हो लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें आइडिया ही नहीं है कि आखिर ये बाप न मारेन फड़की है क्या?
क्या है ‘बाप न मारेन फड़की, बेटवा तीरनदास' का मतलब?
इस कहावत को बड़बोलेपन के संदर्भ में कहा जाता है. इसमें थोड़ा आक्षेप पूर्वजों या पारिवारिक पृष्ठभूमि पर भी आता है, जो वांछित नहीं है. कोई व्यक्ति, किसी ऐसे काम के बारे में हांके, जो उसके बस की बात नहीं है और न ही कोई तजुर्बा हो, न उसके परिवार में, किसी ने वैसा किया हो, तो यह व्यंग्य किया जाता है. सही कहावत इस तरह है- "बाप न मारी मेंढकी, बेटा तीरंदाज़". जब कोई छोटा व्यक्ति अपनी हैसियत से बड़ा काम करने या बड़ी बात कहने की कोशिश करता है तो उसे हतोत्साहित करने के लिए ये कहावत बोली जाती है. जैसे कि इसके खानदान में किसी ने एक मेंढक तक नहीं मारा और ये युवा बड़ा शिकारी बनने की बात कर रहा है.
बड़बोलापन
बहुत से लोग होते हैं जो हमेशा बोलने में आगे रहते हैं. कुछ कामों को करने का चैलेंज लेते हैं लेकिन, कर नहीं पाते हैं. इसी को बड़बोलापन कहते हैं और ये कहावत कि ‘बाप न मारेन फड़की, बेटवा तीरनदास'एकदम सटीक बैठती है. यानी जिसके पुरखों ने भी ये काम न किया हो और बेटा उसको करने की बात कर रहा है. आम बोलचाल की भाषा में इस कहावत को बोला जाता है. पुराने लोग तो समझ जाते हैं पर नई पीढ़ी इसको समझने में जरा देर लगाती है.
आगे हम आपके लिए ऐसी ही बहुत सी कहावतें लेकर आएंगे जो आपने सुनी तो होंगी पर शायद अच्छे से उनका मतलब नहीं जानते होंगे. इंतजार करिए हमारे अगले लेख का.
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