अब कुंभ के मेले में अपनों से नहीं बिछड़ेगा कोई बच्चा, ये है पुलिस का मास्टरप्लान
इस बार कुंभ में बच्चे और बुजुर्ग अपनों से नहीं बिछड़ेंगे. यदि बिछड़ भी जाते हैं तो उन्हें आसानी से परिवार से मिलाया जा सकेगा क्योंकि कुंभ मेला पुलिस इसके लिए अनूठा प्लान तैयार कर रही है. कुंभ मेला पुलिस ने महफूज सुरक्षित बचपन संस्था के साथ मिलकर एक योजना तैयार की है.
हरिद्वार: अक्सर आपने हिंदी फिल्मों में डायलॉग सुना होगा कि मां-बाप और भाई बहन कुंभ (Kumbh) के मेले में बिछड़ जाते हैं और सालों तक अपने परिवार से मिल नहीं पाते. कुंभ में जो भीड़ उमड़ती है उसमें, अपनों के खोने के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं. इनमें बच्चों के बिछड़ने की संख्या बहुत ज्यादा होती है. लेकिन इस बार कुंभ में ऐसा नहीं होगा...जीं हां इस बार के कुंभ में ऐसी नौबत नहीं आएगी कि किसी को अपनों से अलग होना पड़े, अगर ऐसा हो भी गया तो कुंभ पुलिस ने ऐसी तैयारी की है कि बिछड़े हुए भी आसानी से मिल जाएंगे.
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अपनों से नहीं बिछड़ेंगे बच्चे
कुंभ के मेले में करोड़ों श्रद्धालु आते हैं उनमें बच्चों की तादात भी काफी संख्या में होती है. अभी भले ही हरिद्वार में महाकुंभ की शुरुआत न हुई हो पर व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं. इस बार कुंभ में बच्चे और बुजुर्ग अपनों से नहीं बिछड़ेंगे. यदि बिछड़ भी जाते हैं तो उन्हें आसानी से परिवार से मिलाया जा सकेगा क्योंकि कुंभ मेला पुलिस इसके लिए अनूठा प्लान तैयार कर रही है. कुंभ मेला पुलिस ने महफूज सुरक्षित बचपन संस्था के साथ मिलकर एक योजना तैयार की है.
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कुंभ पुलिस ने तैयार किया प्लान
इस प्लान के मुताबिक मेले में आए परिवार के साथ आने वाले बच्चे की जेब में बाल पहचान पत्र पर्ची रखी जाएगी. इस पर्ची में बच्चे के माता-पिता का नाम, आधार संख्या, उसका पूरा पता और जहां पर ठहरे हैं वहां की जानकारी होगी. इस तरह की दो पर्चियां होंगी, एक पर्ची संस्था और एक पर्ची पुलिस के पास रहेगी. इस पर्ची की मदद से गुम हुए बच्चों को उनके परिवार से मिलाया जा सकता है. ये पुलिस का सराहनीय कदम है और इसकी जमकर तारीफ की जा रही है.
एक अप्रैल से शुरू हो रहा है कुंभ
हरिद्वार (Haridwar) में एक अप्रैल से कुंभ (Kumbh Mela) का आयोजन होगा और कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इसकी अवधि 28 दिनों तक सीमित रखने का निर्णय किया गया है. एसओपी के मुताबिक, श्रद्धालुओं को तभी कुंभ में शामिल होने की अनुमति होगी जब वो कोरोना वायरस की निगेटिव रिपोर्ट दिखाएंगे. जो उनके पहुंचने के 72 घंटे से पहले जारी नहीं की गई हो. पहली बार कुंभ इतने कम समय के लिए आयोजित हो रहा है. इससे पहले कुंभ चार महीने से अधिक समय तक चलता था. तीन शाही स्नान एक अप्रैल से 28 अप्रैल के बीच होंगे. पहला शाही स्नान 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या), दूसरा 14 अप्रैल (बैसाखी) और तीसरा 27 अप्रैल (पूर्णिमा) को होगा.
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