Health News: डिस्पोजेबल कप में चाय, पानी और कॉफी पीना पड़ सकता है भारी, शरीर के लिए हैं बहुत खतरनाक!
Health News: चाय या कॉफी पीना आज के समय में बहुत आम बात हो गई है. नुक्कड़, चौराहे पर, यहां तक की ऑफिस में मिलने वाली चाय-कॉफी भी डिस्पोजल वाले कप में ही मिलती है. ऐसे में इस बात को जानने की बहुत जरूरत है कि ये कप हमारे शरीर पर किस तरह के प्रभाव डालते हैं.
Health News: चाय कॉफी पीना आज के समय में बहुत ही आम बात हो गई है और डिस्पोजल वाले कप में तो हर कोई आपको चाय कॉफी यहां तक कि पानी पीते हुए दिखाई दे देगा. नुक्कड़, चौराहे यहां तक कि ऑफिस में भी अब धड़ल्ले से डिस्पोजल में चाय पीया जा रहा है. लेकिन अगर आप भी कागज वाले या प्लास्टिक वाले कप में चाय पी रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है. ऐसे कप में चाय कॉफी पीना आपकी सेहत पर बहुत बुरा असर डालता है. कागज की कप में चाय पीना आपके जीवन पर भारी पड़ सकता है. आइए इससे जुड़ी अन्य जानकारियों को विस्तार से जानते हैं.
कागज के कप में चाय पीना हानिकारक
एक स्टडी में पता चला है कि अगर कागज के कप में व्यक्ति दिन भर में तीन बार भी चाय पी रहा है तो प्लास्टिक के 75, 000 सूक्ष्म कण उसकी बॉडी में जा रहे हैं. कागज के बने कप में चाय पीना कितना घातक है इसे आप अब अच्छे से समझ पा रहे होंगे. सेहत के लिहाज से यह बहुत ज्यादा हानिकारक है.
हाइड्रोफोबिक फिल्म इस्तेमाल
इस तरह की जानकारी सामने आती है कि कागज के कप में चाय पीने के संबंध में आईआईटी खड़गपुर ने एक स्टडी की जिसमें सेहत पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया गया. आईआईटी खड़गपुर में एसोसिएट प्रोफेसर सुधा गोयल शोध को लीड करती रही हैं जिनके मुताबिक कागज के डिस्पोजेबल कप में पीए जाने वाले पेय पदार्थ आपके स्वास्थ्य के लिए जहर की तरह काम करते हैं.
स्टडी में कही गई ये बातें
स्टडी में इस बात की पुष्टि हुई कि कप में प्लास्टिक और अन्य कई हानिकारक तत्वों के होने से गर्म पेय पदार्थ दूषित हो जाती है. ऐसे कप को तैयार करने के लिए इन पर हाइड्रोफोबिक फिल्म की परत चढ़ाई जाती है जिसका निर्माण ज्यादातर प्लास्टिक से ही होता है, इससे पेय पदार्थ टिका रहता है पर गर्म पानी डालने पर यह परत 15 मिनट के भीतर भीतर पिघना शुरू हो जाता है.
स्वास्थ्य पर बुरा असर
एसोसिएट प्रोफेसर सुधा गोयल के मुताबिक स्टडी में पाया गया कि एक कप में 100 मिली गर्म तरल पदार्थ 15 मिनट के लिए रखने से उसमें 25, 000 माइक्रोन साइज के प्लास्टिक के सूक्ष्म कण फिघलकर घुलने लगते हैं. हर दिन तीन कप यदि चाय या कॉफी व्यक्ति पीए तो उसके शरीर में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण चले जाते हैं जिसकी संख्या 75, 000 सूक्ष्म कण हो सकते हैं जो कि नंगी आंखों से दिखते नहीं. लेकिन सका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं.
Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी सर्वे के का आज तीसरा दिन, रडार का इस्तेमाल किए जाने की है संभावना