Independence Day 2024: 78वें स्वतंत्रता दिवस को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. हर साल 15 अगस्त के दिन को देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.देश की आजादी के लिए कई वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगाई थी. 15 अगस्त, 1947 को भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था. इसीलिए यह तारीख भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगा को फहराने और उसे उतारने के कुछ नियम होते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में.


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भारतीय ध्वज संहिता लागू
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्कूल-कॉलेजों और सरकारी-प्राइवेट दफ्तरों में ध्वाजरोहण किया जाता है. अगर आप भी ऐसा करने जा रहे हैं तो कुछ नियमों का पालन जरूर करें, जिससे तिरंगे का अपमान न हो. झंडारोहण के लिए भारतीय ध्वज संहिता को 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया है. जिसका मकसद है कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान न हो सके. साथ ही इससे जुड़े नियमों के बारे में बताया गया है. 


तिरंगा को लेकर ध्यान रखें ये बातें
- भारतीय झंडा आयताकार होना चाहिए. इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात  3:2 का होना चाहिए.
- तिरंगे पर किसी भी भाषा में किसी भी तरह का कोई शब्द नहीं लिखा होना चाहिए. 
-  झंडा फहराते समय ध्यान रखें कि यह कहीं से कटा-फटा या क्षतिग्रस्त न हो.
-  तिरंगे पर किसी भी तरह की गंदगी न लगी हो. 
-  तिरंगे के अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए.
-  तिरंगा ऐसे फहराएं कि यह सभी को आसानी से दिखाई दे, यह जमीन को नहीं छूना चाहिए. 
-  तिरंगे के साथ कोई अन्य झंडा फहराया जा रहा है तो इसे बराबर में नहीं बल्कि तिरंगे के नीचे जगह दें. 
- तिरंगे को उतारने के बाद इसे सार्वजनिक जगह पर ऐसे ही न छोड़ें. इसे नियमों के तहत फोल्ड कर रखें. 
- झंडे को जलाने, नुकसान पहुंचाने या किसी भी तरह से इसके अपमान पर आपको जेल और जुर्माना हो सकता है. 


26 जनवरी और 15 अगस्त को झंडा फहराने में क्या अंतर
-  15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है जबकि 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है. 
- आसान भाषा में समझें तो दोनों में अंतर यह है कि जब तिरंगे को रस्सी के सहारे खींचकर फहराया जाता है तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं. 
-  26 जनवरी को तिरंगा ऊपर ही बंधा रहता है  जिसे खोलकर फहराया जाता है. 
- स्वतंत्रता दिवस  का कार्यक्रम लालकिले से होता है, जहां प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं. 26 जनवरी को राष्ट्रपति कर्तव्य पथ पर झंडा फहराते हैं. 
-  स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य कार्यक्रम लाल किले पर होता है. वहीं, गणतंत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम राजपथ पर किया जाता है. 


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