Dev Deepawali 2022: काशी में दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2022) के दिन देव दीपावली मनायी जाती है. कोरोना के चलते 2 साल बाद योगी सरकार काशी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली को भव्य बनाने जा रही है. पिछले साल देव दीपावली पर काशी के घाटों को लाखों दीपों से जगमग किया गया था. इस बार भी घाट 10 लाख दीयों से रोशन होंगे. देश-दुनिया से लाखों पर्यटक इस महापर्व को देखने आते हैं. ऐसे में देव दीपावली की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है. 


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बुक हो चुके हैं नाव
गंगा में चलने वाले नाव पहले से ही बुक हो चुके हैं. इस बार ज्यादा संख्या में लोग आ रहे हैं जिससे नाविकों को अच्छी इनकम की उम्मीद है. काशी के गलियों, घाटों व चौराहों को इलेक्ट्रिक लाइटों से सजाया जा रहा है. इस बार काशी विश्वनाथ धाम को 80 लाख की लागत से फूलों से सजाया जा रहा है.


7 नवंबर को मनायी जा रही है देव दीपावली
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि इस बार चंद्रग्रहण के कारण देव दीपावली 7 नवंबर को मनायी जा रही है. कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर को होगी. उसी दिन स्नान- ध्यान और दान भी होगा. उन्होंने बताया कि देव दीपावली के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई थी. इसीलिए इस दिन देवता खुद धरती पर आकर भगवान शिव को दीपदान करते हैं. इसी खुशी में काशी में दीपोत्सव मनाया जाता है.


'चप्पू' नाव को किया गया बैन
वाराणसी मंडल के आयुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि काशी में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. देव दीपावली को ध्यान में रखते हुए 1 दिन का स्थानीय अवकाश भी घोषित कर दिया गया है. सुरक्षा के लिहाज से गंगा में संचालित नाव पर बिना लाइफ जैकेट के बैठने पर नाव जप्त करने व जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है. हाथ से चलने वाले 'चप्पू' नाव को बैन कर दिया गया है. इस बार घाट पर 10 लाख से अधिक दिए जलाने की योजना है. सभी दुकानदारों व व्यवसायियों से जिला प्रशासन ने अपील की है कि वह अपने प्रतिष्ठानों पर फूल माला व इलेक्ट्रिक झालर सजाकर देव दीपावली को भव्य रूप देने में मदद करें. जिससे पर्यटकों के लिए इस बार का देव दीपावली दिव्य भव्य व आकर्षक बने.


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