लखनऊ: बचपन से पढ़ाई कर, पढ़ाई के अलावा खेल-कूद का और अकेडमिक एक्टिविटी का हिस्सा बन कर, अपनी स्किल्स डेवलप कर हर कोई दूसरों से बेहतर होने की कोशिश करता है, क्यों? ताकि पढ़ाई के बाद हमें एक अच्छी नौकरी मिल सके और हमारी आगे की जिंदगी आसान हो जाए. लेकिन जब आपके सामने एक बढ़िया नौकरी का अवसर आता है, तब आपको पता चलता है कि केवल आप ही नहीं, बल्कि आप जैसे सैकड़ों लोगों ने उस एक पोस्ट के लिए अप्लाई किया है. वह भी आपकी ही तरह अच्छी जगह से पढ़कर और योग्य बनकर वहां तक पहुंचे हैं. अब आप अपनी काबिलियत कैसे साबित करेंगे?


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इस समय काम आता है आपका कॉन्फिडेंस और वह एक डॉक्यूमेंट जो आप अपने साथ इंटरव्यू में लेकर जाते हैं. वह कागज जिसे हम सीवी (Curriculum Vitae) और रेज्यूमे (Resume) कहते हैं. सीवी और रेज्यूमे का काम ही यही है कि आपकी पूरी जिंदगी की मेहनत और उससे विकसित आपकी स्किल्स को एक से दो लाइन में समेट कर इंटरव्यूअर के सामने रख दे.


लेकिन ज्यादातर ऐसा होता है कि सब कुछ जानने के बाद भी हम कभी-कभी छोटी-छोटी गलतियां कर देते हैं, जिससे हमारा फर्स्ट इंप्रेशन तो खराब होता ही है, साथ ही नौकरी भी हाथ से जा सकती है. इनमें से एक गलती है CV और Resume में अंतर न समझना. कुछ लोग तो इसे एक ही चीज मामते हैं, जो बहुत बड़ी भूल है.


जॉब के लिए कुछ कंपनियां सीवी मांगती हैं, तो कुछ रेज्यूमे. ऐसे में जिन्हें कंफ्यूजन है, वह रेज्यूमे की जगह सीवी और सीवी की जगह रेज्यूमे ले जाते हैं. इससे आपके कॉमन सेंस पर सवाल खड़ा हो जाता है और नौकरी मिलने के चांस भी कम हो सकते हैं. तो आइए हम आपको बताते हैं कि इन दोनों में अंतर क्या होता है.


रेज्यूमे (Resume)
आपको मालूम हो, जॉब सर्च के समय रेज्यूमे सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला डॉक्यूमेंट है. रेज्यूमे का मतलब है एक समरी. यह ज्यादा से ज्यादा 2 पेज का हो सकता है. इसमें आप वह तमाम जानकारी देते हैं, जो किसी भी नौकरी की जरूरत हो. रेज्यूमे में सिर्फ उसी काम का एक्सपीरियंस या स्किल्स लिखी जाती है, जिसके लिए कंपनी ने आवेदन मांगा हो. इसके अलावा, अगर आपने पहले कहीं नौकरी की है, तो उसे भी हाईलाइट किया जाता है.



सीवी (CV)
सीवी रेज्यूमे से अलग होती है. एक CV में वह सभी जानकारी विस्तार से मेंशन की जाती हैं, जो आपको करियर से जुड़ी हो. इसमें आप अपनी सभी उपलब्धियां और अवॉर्ड और सर्टिफिकेशन के बारे में बताते हैं. इसलिए कहा जाता है कि CV को समय के साथ अपडेट करते रहिए.


कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां CV का इस्तेमाल सिर्फ तब किया जाता है, जब आप रिसर्च या अकेडमिक पोस्ट के लिए अपलाई कर रहे हों. सीवी की लंबाई की कोई लिमिट नहीं है. हालांकि, एक अच्छी सीवी 2 से 8 पेज के बीच होनी चाहिए.



बायोडेटा (Biodata)
इसके अलावा, एक और डॉक्यूमेंट होता है, जिसे हम बायोडेटा (Biodata) कहते हैं. इसमें आपकी पर्सनल डिटेल भी शामिल होती हैं. जैसे कि आपका नाम, बर्थ डेट, धर्म, पता, आदि. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि बायोडेटा किसी भी व्यक्ति का बनाया जा सकता है, चाहे वह पढ़ा-लिखा हो या नहीं. बायोडेटा उसका भी बनाया जा सकता है, जो किसी भी नौकरी के लिए अप्लाई न करना चाहता हो. आमतौर पर फ्रेशर्स या बच्चों से उनका बायोडेटा ही मांगा जाता है. क्योंकि उनके पास जॉब एक्सपीरिएंस नहीं होता.


इसके अलावा, कुछ नौकरियां ऐसी भी होती हैं, जिसमें एजुकेटेड होने की जरूरत नहीं होती. ऐसे में कैंडिडेट से उसकी सीवी या रेज्यूमे नहीं, बल्कि उसका बायोडेटा मांगा जाता है.



आसानी से समझ आ जाएगा अंतर


               Resume 
 
              CV
 
                Biodata
 
करियर से रिलेटेड हर जानकारी नहीं दी जाती
 

करियर के सभी छोटी-बड़ी जानकारी मेंशन की जाता है

करियर से रिलेटेड किसी जानकारी की आवश्यक्ता नहीं

जिस पोस्ट के लिए अप्लाई कर रहे हैं, सिर्फ उसी से संबंधित स्किल्स लिखें
 

सभी सर्टिफिकेट और अचीवमेंट का ब्योरा डिटेल में दें

पर्सनल जानकारी पर फोकस

ज्यादा से ज्यादा 2 पेज का हो सकता है
 

2-8 पेज का हो सकता है

डिटेल में जाने की जरूरत नहीं, पॉइंटर्स डालकर 1 पेज में ही बनाएं 

फील्ड से रिलेटेड एक्सपीरिएंस शेयर करें

सभी एक्सपीरिएंस शेयर करें

कोई एक्सपीरिएंस न होने पर ही दिया जाता है बायोडेटा 

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