Mahashivratri 2023: हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का महापर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का खास महत्व है. यह पर्व भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. इस दिन शिवभक्त व्रत रखते हैं और भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करते हैं. पूजा में भगवान शिव को बेलपत्र, धतूर, फूल-फल समेत कई चीजें अर्पित की जाती हैं. मान्यता है कि इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं. क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसी भी चीजे हैं, जिनको शिवलिंग पर नहीं अर्पित किया जाता. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि ऐसी कौन सी चीजें हैं, जिन्हें शिवलिंग पर अर्पित करना वर्जित है. 


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1. टूटे हुए चावल
भोलेनाथ को कभी भी टूटे हुए चावल अर्पित नहीं किए जाते. शास्त्रों के अनुसार, टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए हमेशा सही चावल, जिसे अक्षत कहा जाता है वही अर्पित करें. 


2. सिंदूर 
पूजा में कई देवी-देवताओं को सिंदूर चढ़ाया जाता है, लेकिन भगवान शिव पर कभी इसे भूलकर भी अर्पित ना करें. दरअसल, भोलेनाथ वैरागी हैं इसलिए उन्हें सिंदूर नहीं चढ़ाया जाता. बाबा भोलेनाथ को सिंदूर चढ़ाने के बजाय चंदन का तिलक लगाना शुभ माना जाता है. 


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3. नारियल
शिवलिंग पर नारियल भी नहीं अर्पित किया जाता है. शास्त्रों के मुताबिक, नारियल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. मां लक्ष्मी का संबंध भगवान विष्णु से है इसलिए भगवान शिव को नारियल अर्पित करना वर्जित माना गया है. 


4. शंख
भगवान शिव की पूजा में कभी शंख का प्रयोग नहीं किया जाता. मान्यता है कि शंखचूड़ नाम का एक असुर भगवान विष्णु का भक्त था, जिसका भोलेनाथ ने संहार  किया था. शंख को शंखचूड़ का प्रतीक माना जाता है. यही कारण है कि भोलेनाथ की पूजा के दौरान शंख का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.


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5. केतकी का फूल
भगवान शिव की पूजा में केतकी के फूल भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए. पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार केतकी फूल ने भगवान ब्रह्मा का एक झूठ में साथ दिया था, जिसके बाद भोलेनाथ ने क्रोध में केतकी फूल को श्राप दिया था. यही वजह है कि भगवान शिव की पूजा में इस फूल को वर्जित माना गया है. 


6. तुलसी
हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है, लेकिन इसे शिवलिंग पर अर्पित करना वर्जित है. इसलिए भूलकर भी भगवान शिव को तुलसी अर्पित ना करें. भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र या शमीपत्र चढ़ाएं.   


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