Mainpuri Upchunav 2022: उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनाव (UP Upchunav 2022) को लेकर बिगुल बज चुका है. यूपी में एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. जिनमें मैनपुरी, रामपुर और खतौली सीट शामिल है. तीनों सीटों में से मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Loksabha Upchunav 2022) सबसे चर्चित है. इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव की पत्नी और दिवंगत सपा संरक्षक की बड़ी बहू डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है. इसी बीच मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने भी इस सीट के लिए प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने मैनपुरी लोकसभा सीट पर रघुराज शाक्य को अपना प्रत्याशी बनाया है. 


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मुलायम सिंह यादव के शिष्य हैं रघुराज शाक्य
रघुराज शाक्य, मुलायम सिंह यादव के कट्टर शिष्यों में एक होने के साथ ही शिवपाल यादव के बेहद करीबी रहे हैं. वे खुद को मुलायमवादी कहते रहे हैं. हमेशा से मुलायम सिंह यादव के नजदीक रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि यह लड़ाई बहू बनाम शिष्य की होने वाली है. रघुराज सिंह शाक्य भी राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं. बीजेपी पहले से ही मैनपुरी में शाक्य चेहरा लड़ाती रही है, लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी के भीतर का ही जाना पहचाना नाम डिंपल यादव के सामने होगा इसलिए परिवार अपनी पूरी ताकत झोंकेगा.


शिवपाल यादव के गढ़ के रहने वाले हैं शाक्य
रघुराज शाक्य मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. जो शिवपाल यादव का गढ़ माना जाता है. अगर जसवंतनगर, भोगांव और मैनपुरी सदर में बीजेपी अपनी स्थिति मजबूत कर लेती है, तो अखिलेश यादव के लिए लड़ाई आसान नहीं होगी. 


2017 में सपा से दिया था इस्तीफा 
58 वर्षीय रघुराज सिंह शाक्य उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. वह सपा में रहते हुए 1999 और वर्ष 2004 में इटावा से सांसद रह चुके हैं. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में भी सपा की टिकट पर इटावा सदर सीट से उन्होंने जीत हासिल की थी. रघुराज शाक्य ने 27 जनवरी 2017 को सपा से इस्तीफा दे दिया था. फरवरी 2022 में बीजेपी में शामिल होने से पहले रघुराज शाक्य, शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर थे. 


क्यों दामा था बीजेपी का दामन?  
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव से इटावा सदर की सीट रघुराज शाक्य के लिए मांगी थी, लेकिन यह सीट शिवपाल यादव को नहीं मिली. जिसके बाद रघुराज शाक्य ने बिना शर्त बीजेपी का दामन थाम लिया था. हालांकि बीजेपी ने रघुराज शाक्य को टिकट नहीं दिया था.


नेताजी का गढ़ रहा है मैनपुरी
सपा के गठन के बाद से अब तक मैनपुरी लोकसभा सीट पर कुल नौ लोकसभा चुनाव हुए. प्रत्याशी कोई भी रहा हो, पर्दे के पीछे हमेशा नेताजी ही रहे. उनके जादू के दम पर ही सपा कभी भी लोकसभा चुनाव नहीं हारी. हर चुनाव में पार्टी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की. नेताजी मुलायम सिंह यादव अपने जीवन में सात बार सांसद चुने गए. मैनपुरी से उन्होंने पांच लोकसभा चुनाव लड़े और हर चुनाव को जीता. 


कब है मैनपुरी में उपचुनाव? 
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी की लोकसभा सीट पर उम्मीदवार 17 नवंबर तक नॉमिनेशन कर सकते हैं. 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. जबकि नामांकन वापसी की तारीख 21 नवंबर होगी. यहां 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि चुनाव परिणाम की घोषणा 8 दिसंबर को की जाएगी.