अलीगढ़: उत्तर प्रदेश में हिंदी-संस्कृत, ईश्वर-अल्लाह और हिंदू-मुस्लिम के विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. वाराणसी में गोवर्धन पुरी मठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Shankaracharya Nischalanand Saraswati) ने दावा करते हुए कहा कि अल्लाह शब्द मातृशक्ति का है. यह संस्कृत का शब्द है. मां दुर्गा का आह्वान करने के लिए अल्लाह शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. उनके इस बयान के बाद देशभर के हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इसी बीच अल्लाह शब्द संस्कृत इस पर मौलाना चौधरी इब्राहिम हुसैन का बयान है. उनका दावा है कि हिंदू धर्म में खास महत्व रखने वाले 'त्रिशूल' में भी अल्लाह जैसा शब्द दिखाई देता है. 


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संस्कृत में भी हो सकता है 'अल्लाह' शब्द: मौलाना चौधरी
मौलाना चौधरी इब्राहिम हुसैन ने कहा कि अल्लाह शब्द वह है, जिसने पूरी दुनिया बनाई है. इसके जैसा शब्द कोई दूसरा है ही नहीं. शंकराचार्य बता रहे हैं तो हो सकता है संस्कृत में भी हो. पूरी दुनिया को चलाने वाला अल्लाह है. उन्होंने आगे कहा कि हिंदू धर्मगुरु जो त्रिशूल लेकर चलते हैं, उसमें भी अल्लाह जैसा शब्द दिखाई देता है. अल्लाह सर्वशक्तिमान है. उस जैसा कोई नहीं है. 


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एक मात्र धर्म है सनातन, बाकी सब पंथ: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि धर्म एक मात्र सनातन ही है, बाकी सब पंथ हैं. धर्म का पालन करने से ही जीवन में सुख और मृत्यु के पश्चात सद्गति संभव है. उन्होंने कहा कि जो लोग धर्म पर सवाल उठाते हैं, सबसे पहले तो वे संस्कृत व्याकरण का अध्ययन करें. हाल ही में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना सैयद अरशनद मदनी ने अल्लाह और ओम को एक ही बताया था. जिसकी शंकराचार्य ने आलोचना की. उन्होंने कहा कि अल्लाह शब्द मातृ वाचक और शक्तिवाचक है. ओम तो परमात्मा का नाम है. हम सबके पूर्वज तो सनातनी वैदिक आर्य ही थे.


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