Mukhtar Ansari Family Background​: एक वो दौर था जब मुख्तार और उसके परिवार की पूरे उत्तर प्रदेश में तूती बोलती थी.  पूर्वांचल का कोई भी ऐसा सरकारी ठेका नहीं था, जो उसकी मंजूरी के बगैर किसी और को मिल जाए. रेलवे, शराब और दूसरे सरकारी ठेके हासिल करने की रेस में मुख्‍तार अंसारी आगे था. माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात मौत हो गई. बांदा जेल में हार्ट अटैक आने के बाद मुख्तार को बांदा मेडिकल कॉलेज की आईसीयू में भर्ती कराया गया था. माफिया मुख्तार का परिवार काफी समृद्ध रहा है. यहां पर हम आपको बताने जा रहे हैं उसके परिवार के बारे में.


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कौन था मुख्तार अंसारी?


मुख्तार अंसारी का जन्म  30 जून 1963 को यूपी के गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में हुआ था. इस परिवार का काफी नाम था. लोग खूब सम्मान करते थे. उसके पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था. गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है.  मुख्तार अंसारी की शुरुआती पढ़ाई युसुफपुर गांव में हुई. उसने गाजीपुर कॉलेज से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई पूरी की.


दादा स्वतंत्रता सेनानी


मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. वे 1926-1927 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और फिर मुस्लिम लीग अध्यक्ष भी रहे.  मुख़्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाज़े गए थे.


मुख्तार के पिता वामपंथी नेता


मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर में अपनी साफ सुधरी छवि के साथ राजनीति में सक्रिय रहे थे. सुब्हानउल्लाह अंसारी देश के बड़े वामपंथी नेता थे, भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख़्तार अंसारी के चाचा लगते थे.  देश का बंटवारा हुआ तो डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी के परिवार के कई सदस्य पाकिस्तान चले गए.


मुख्तार के नाना


मुख्तार के नाना नौशेरा युद्ध के नायक थे. शायद कम ही लोग जानते हैं कि महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर उस्मान मुख्तार अंसारी के नाना थे. जिन्होंने 47 की जंग में न सिर्फ भारतीय सेना की तरफ से नवशेरा की लड़ाई लड़ी बल्कि हिंदुस्तान को जीत भी दिलाई. वो इस युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गए थे. भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार अंसारी के रिश्तेदार हैं।


मुख्तार के पिता सुब्हानउल्लाह ने बेगम राबिया के साथ शादी की थी.  दोनों से 3 बेटे हुए. सिबकतुल्लाह अंसारी, अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी.


1-सिबकतुल्लाह अंसारी


सिबकतुल्लाह अंसारी दो बार विधायक रह चुके हैं. 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर और 2017 में कौमी एकता दल के टिकट पर सिबकतुल्लाह ने चुनाव जीता. सिबकतुल्लाह का एक बेटा है सुहेब उर्फ मन्नु अंसारी.  इस बार सुहेब ने SP के टिकट पर मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीता.


2-अफजाल अंसारी
अफजाल अंसारी पांच बार विधायक और दो बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं. साल 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार 5 बार CPI के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता. साल  2004 में सपा के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. 2019 में दूसरी बार बीएसपी के टिकट पर सांसद बने. अफजाल की तीन बेटियां हैं.  अफजाल अंसारी को चार साल की सजा हुई है.


फरहत अंसारी (अफजाल अंसारी की पत्नी)
अफजाल अंसारी का परिवार अफजाल अंसारी की पत्नी का नाम फरहत अंसारी है. फरहत अंसारी पर भी कई मामले चल रहे हैं. अफजाल अंसारी की तीन बेटी हैं.


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3-मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी तीन भाइयों में सबसे छोटा था. लेकिन अपराध की दुनिया में सबसे बड़ा नाम इसी का था.
मुख्तार अंसारी की पत्नी का नाम अफशां अंसारी है. मुख्तार की पत्नी अफशां के खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज हैं.  अफशां पर यूपी पुलिस ने 75 हजार रुपये का इनाम रखा है.  वह लंबे समय से फरार है. अफशां और मुख्तार के दो बेटे हैं अब्बास अंसारी और उमर अंसारी.


अब्बास अंसारी (मुख्तार अंसारी का बेटा)
अब्बास अंसारी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए मऊ से 2022 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव जीता. अब्बास अंसारी निशानेबाजी में तीन बार का राष्ट्रीय चैंपियन है. वह कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम के साथ खेल चुका है. अब्बास की पत्नी का नाम निखत बानो है. अब्बास का एक बेटा है.  अब्बास अंसारी अभी जेल में बंद है.


अब्बास अंसारी की पत्नी निखत 
अब्बास अंसारी की पत्नी निखत फिलहाल जेल में हैं.  निखत पर आरोप है कि वह कानून तोड़कर गुप्त तरीके से अपने पति से मिलने जेल गई थी.


 उमर अंसारी (मुख्तार अंसारी का बेटा)
अब्बास अंसारी का बेटा उमर अंसारी भी पुलिस के निशाने पर है. उमर पर हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. उमर अभी फरार चल रहा है.


मुख्तार को कब-कब सजा हुई
21 सितंबर 2022 को राजधानी के आलमबाग थाने में दर्ज मामले में मुख्तार को 7 साल की सजा
23 सितंबर 2022 को हजरतगंज कोतवाली लखनऊ में दर्ज केस में मुख्तार को 5 साल की सजा
15 दिसंबर 2022 को हजरतगंज कोतवाली लखनऊ में दर्ज एक दूसरे केस में मुख्तार को 5 साल की सजा
29 अप्रैल 2023 को मोहम्मदाबाद कोतवाली गाजीपुर में दर्ज मुकदमे में 5 साल की सजा
5 जून 2023 को थाना चेतगंज वाराणसी में दर्ज मामले में उम्र कैद की सजा
26 अक्टूबर 2023 को थाना करंडा गाज़ीपुर में दर्ज मामले में 10 साल की सजा
15 दिसंबर 2023 को थाना भेलूपुर वाराणसी में दर्ज केस में 5 साल 6 महीने की सजा
13 मार्च 2024 को कोतवाली मोहम्मदाबाद गाजीपुर में दर्ज केस में उम्र कैद की सजा हुई.


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