क्या है किसानों की 35 साल पुरानी मांग, दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर महाजाम और संसद में छिड़ा संग्राम
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान दिसंबर, 2023 से स्थानीय विकास प्राधिकरणों द्वारा अधिग्रहीत अपनी भूमि के बदले अधिक मुआवजे और विकसित भूखंड देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
Noida Farmer Protest: नोएडा में किसानों का बड़ा प्रदर्शन सामने आया है. बीते एक महीने से एनटीपीसी और नोएडा प्राधिकरण पर धरना दे रहे किसान मंगलवार को एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे आए. अब इस प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया है. हजारों किसान संसद तक मार्च करने की योजना के साथ कूच कर चुके हैं. जिसे देखते हुए नोएडा पुलिस ने दिल्ली से लगी अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है. नोएडा में प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भारतीय किसान परिषद कर रही है, जिसके कार्यकर्ताओं ने दिसंबर 2023 से स्थानीय प्राधिकरण कार्यालय के बाहर शिविर लगा रखा है. वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत भी दोपहर में ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शनकारियों के समूह में शामिल हुए, जहां उनके भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के सदस्य स्थानीय प्राधिकरण कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
क्या है किसानों की मांग?
जानकारी के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा में दादरी के पास नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन का विद्युत उत्पादन केंद्र है, जिसे लगाने के लिए सरकार ने करीब 35 साल पहले आस-पास के इलाके के 23 गांवों में भूमि का अधिग्रहण किया था. किसानों के मुताबिक, उस वक्त भूमि अधिग्रहण की एवज में मिलने वाला मुआवजा समान नहीं था. यानी अलग-अलग गांव में अलग-अलग मुआवजे का भुगतान किया गया. किसी के हिस्से कम तो किसी के हिस्से कम मुआवजा आया. जिसके बाद से किसान समान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा किसान गांवों के विकास और एनटीपीसी में नौकरी की मांग करते रहे हैं. अपनी इन्हीं मांगों को लेकर बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.
दिल्ली बॉर्डर पर सख्ती से जांच
किसानों के ‘दिल्ली मार्च’ की घोषणा के बाद नोएडा पुलिस दिल्ली से जुड़ी विभिन्न सीमाओं पर सख्ती से जांच कर रही है. जिसके चलते नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और डीएनडी सहित विभिन्न मार्गों पर वाहनों की गति पर ब्रेक लग गया है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘किसान आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली से जुड़ी सभी सीमाओं, किसान चौक और अन्य स्थानों पर बैरियर लगाए जा गए हैं. प्रत्येक वाहन की जांच की जा रही है जिसके कारण यातायात की गति धीमी हो गई है. अधिकारियों के अनुसार, किसानों के प्रस्तावित मार्च की वजह से कुछ जगहों पर यातायात के मार्ग में परिवर्तन किया गया है, जबकि किसानों से वार्ता कर प्रस्तावित मार्च को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यातायात को नियंत्रित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी और अन्य कर्मी विभिन्न स्थानों पर मौजूद हैं. संसद तक मार्च निकालने की योजना के तहत भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के नेतृत्व में किसान बृहस्पतिवार दोपहर साढ़े 12 बजे नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर एकत्र होने लगे.
लागू है धारा 144
बीकेपी नेता सुखबीर यादव ‘खलीफा’ ने कहा, ‘‘महामाया फ्लाईओवर से किसान अपनी लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए दिल्ली स्थित संसद की ओर मार्च करेंगे.’’ नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर गौतमबुद्ध नगर पुलिस पहले से ही बुधवार और बृहस्पतिवार के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर चुकी है. पुलिस ने एक यातायात परामार्श जारी करके ट्रैक्टर सवार किसानों के आंदोलन के मद्देनजर यात्रियों को नोएडा और दिल्ली के कई यातायात मार्गों में बदलाव के प्रति आगाह किया है.