अर्जुन से अधिक प्रेम कैसे बना द्रौपदी की मृत्यु की वजह
कौरवों-पांडवों के बीच लड़ाई
कौरवों-पांडवों के बीच लड़ाई से लेकर महाभारत युद्ध तक में द्रौपदी का वर्णन मिलता है. द्रोपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की कन्या थी.
दिव्य कन्या
द्रोपदी एक दिव्य कन्या थी. पांडवों के साथ परलोक की यात्रा के दौरान द्रौपदी की मृत्यु हो गई थी.
महाभारत
द्रौपदी को लेकर यूं तो महाभारत में कई कहानियां आपने सुनी होंगी.पर यहां हम आपको आज बताएंगे द्रौपदी की मृत्यु कैसे हुई थी.
स्वर्ग का रास्ता
मोक्ष प्राप्त करने के लिए पांडव द्रौपदी के साथ हिमालय की गोद में चले गए. वहां मेरु पर्वत के पार उन्हें स्वर्ग का रास्ता मिला.
द्रौपदी लड़खड़ाई
पांचों पांडव और द्रौपदी इस राह पर चलने लगे लेकिन रास्ते में अचानक सबसे पहले द्रौपदी लड़खड़ाकर गिर गई.
भीम ने पूछा
भीम ने पूछा द्रोपदी से पूछा कि उसने कभी कोई पाप नहीं किया हो तो ये कैसे गिर गईं. इस पर उन्होंने जवाब दिया.
अर्जुन से प्रेम
इस पर युधिष्ठिर ने कहा कि ये हम पांचों में से अर्जुन को सबसे ज्यादा प्रेम करती थी. इसी यात्रा के दौरान द्रौपदी की मृत्यु हो गई थी.
ज्ञान का घमंड
सहदेव की मौत हुई क्योंकि उन्हें अपनी विद्वता का अभिमान था और वो पांचों पांडवों से खुद को श्रेष्ठ समझते थे.
रूप का अभिमान
सहदेव के बाद नकुल की मौत हुई क्योंकि उन्हें अपने रूप का अभिमान था और वो पांचों पांडवों से खुद को सबसे सुन्दर समझते थे.
पराक्रम का अभिमान
सहदेव के बाद अर्जुन की मौत हुई क्योंकि उन्हें अपने पराक्रम का अभिमान था. खुद को सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली समझते थे.
भीम की मौत
अर्जुन के बाद भीम की मौत हुई क्योंकि वो सबसे ज्यादा आहार ग्रहण करते थे. वो पांचों पांडवों में खुद को सबसे ज्यादा बलशाली समझते थे.
युधिष्ठिर ही सशरीर ही स्वर्ग जा पाए
पांडवों में केवल युधिष्ठिर को ही स्वर्ग में प्रवेश करने की अनुमति मिली थी. पांडवों के स्वर्गारोहण की कहानी में इसका वर्णन मिलता है.
डिस्क्लेमर
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.