Nagtibba: हिमालय की इस चोटी पर सूर्योदय-सूर्यास्त का दिलकश नजारा, ट्रेकिंग के लिए लगती है टूरिस्ट की लंबी लाइन

Nag Tibba Trek: उत्तराखंड में कई ऐसे नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चुके हैं, ​जहां जाकर पर्यटकों को एक नया अनुभव और भीड़ भाड़ से दूर शांत वादियों के बीच स्वर्ग जैसा एहसास हो रहा है. यहां एक खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन है नागटिब्बा, जिसे काफल विलेज भी कहते हैं.

प्रीति चौहान Fri, 18 Oct 2024-4:06 pm,
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ट्रैकिंग के शौकीन

अगर आपको ट्रैकिंग का शौक है तो  जंगलों से घिरी और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नागटिब्बा जाना आपके लिए रोमांचक हो सकता है. यह टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित एक पहाड़ी चोटी है, जो खास ट्रैकर्स के लिए लोकप्रिय है. 

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यहां से निहारें हिमालय

यहां से हिमालय को निहारना आपको अद्भुत अनुभव दे सकता है. यह रास्ता शहरी हलचल से बहुत दूर हरे-भरे घास के मैदानों, घने जंगलों और चट्टानी इलाकों से होकर गुजरता है.

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नाग टिब्बा चोटी

नाग टिब्बा उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित एक चोटी का नाम है.टिब्बा एक ऊंची चोटी को कहते हैं.  नाग टिब्बा से हिमालय की बर्फ से लदी चोटियों का बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देता है.

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बर्फ से ढ़की ऊंची चोटियां

नाग टिब्बा से सूर्योदय व सूर्यास्त के सुंदर नजारे दिखते हैं.  सर्दी में यहां बर्फ भी पड़ती है.  नाग टिब्बा से गढ़वाल क्षेत्र की ज्यादातर बर्फ से ढ़की ऊंची चोटियां दिखाई देती है.

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नाग देवता का एक मंदिर

नाग टिब्बा से कुछ पहले नाग देवता का एक मंदिर है, जिसके प्रति स्थानीय लोगों में बहुत मान्यता है.  नाग देवता मंदिर की ऊंचाई लगभग 2620 मीटर है। यहां से सूर्यास्त का नजारा देखते ही बनता है.  लोगों का मानना है कि नाग देवता उनके पशुओं की रक्षा करते हैं। स्थानीय लोग नाग टिब्बा को झंडी भी कहते हैं.

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किस मौसम में जाएं नागटिब्बा

वैसे तो नागटिब्बा ट्रैक करने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून तक है, लेकिन जो लोग स्नो फॉल या स्नो ट्रैकिंग का अनुभव लेना चाहते हैं, वे अक्तूबर से दिसंबर तक यहां जा सकते हैं. सर्दियों के दौरान बर्फबारी एक अलग रोमांच देगा. इस समय अपने साथ गर्म कपड़े रखें.  यह केवल दो दिन का ही ट्रैक है.

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कैसे पहुंचें नागटिब्बा

यहां तक पहुंचने के लिए दो मार्ग एक देवलसारी गांव से और दूसरा पंतवारी गांव से है. इन दोनों जगह से ही ट्रैकिंग करते हुए नाग टिब्बा तक पहुंचा जा सकता है.

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नजदीकी स्टेशन

नागटिब्बा मसूरी से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंतवारी बेस कैंप से 10 किलोमीटर की पैदल दूरी पर है. अगर आप यहां आना चाहते हैं, तो आपको देहरादून या मसूरी रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा.   यह दोनों जगह ही सड़क मार्ग से जुड़ी है.

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वन विभाग का रेस्ट हॉउस

देवलसारी में रुकने के लिए वन विभाग का रेस्ट हॉउस है. यहां से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर नागटिब्बा स्थित है. देवलसारी की ओर से ट्रैकिंग के लिए मसूरी वन विभाग से अनुमति लेनी होती है. पंतवारी के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है.

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ट्रैकिंग का नियम

ट्रैकिंग का नियम यह होता है कि अपने बैग में जरूरत का सामान ही रखें, जो किसी से बार-बार मांगना न पडे़.ज्यादा भारी बैग आपको परेशान कर सकता है.

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कुछ जरूरी सुझाव

नाग टिब्बा जाने से पहले आप सुबह की सैर व दौड़ लगाना शुरू करें ताकि पहाड़ पर चढ़ाई के दौरान स्टेमिना बनी रहे. गर्म जैकेट, इनर व कैप, जरूरी दवाइयां और टॉर्च भी अवश्य रख लें.

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