Republic Day 2023: देश की आजादी तक कितनी बार बदला राष्ट्रीय ध्वज, तस्वीरों में देखें तिरंगे की यात्रा की पूरी कहानी

Republic Day 2023: हर साल भारत में 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले कुछ सालों में इसकी धूम कुछ कम रही.हालांकि, इस साल कोविड का डर कुछ कम हुआ है, तो राजपथ पर जाकर भी परेड का आनंद उठाया जा सकता है.26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (National Capital Delhi) में राजपथ पर सांस्कृतिक विविधता में एकता, अखंडता, सैन्य ताकत की झलक देखने को मिलेगी.

Jan 22, 2023, 13:31 PM IST
1/6

1906 में बना पहला राष्ट्रीय ध्वज

पहला राष्‍ट्रीय ध्‍वज 7 अगस्‍त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कलकत्ता में फहराया गया था. जिसे अब कोलकाता कहते हैं. इस ध्‍वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था. इसमें ऊपर हरा, बीच में पीला और नीचे लाल रंग था. साथ ही इसमें कमल के फूल और चांद-सूरज भी बने थे.

 

2/6

1907 में बना दूसरा राष्ट्रीय ध्वज

भारत का पहला गैर आधिकारिक ध्वज अधिक समय तक नहीं रहा और भारत को अगले ही साल नया राष्ट्र ध्वज मिल गया.  दूसरा राष्ट्रीय ध्वज पेरिस में मैडम कामा और 1907 में उनके साथ निर्वासित किए गए कुछ क्रांतिकारियों द्वारा फहराया गया था. हालांकि, कई लोगों का कहना है कि यह घटना 1905 में हुई थी. यह भी पहले ध्‍वज के जैसा ही था. इस राष्ट्रध्वज में भी चांद सितारे आदि मौजूद था. साथ ही इसमें तीन रंग केसरिया, हरा और पीला शामिल था. बाद में इसे एक सम्मलेन के दौरान बर्लिन में भी फहराया गया था.

 

3/6

1917 में तीसरा राष्ट्रीय झंडा

तीसरा झंडा, 1917 में आया जब हमारे राजनैतिक संघर्ष ने एक निश्चित मोड लिया. डॉ. एनी बीसेंट और लोकमान्‍य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान इसे फहराया. इस झंडे में 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां एक के बाद एक और सप्‍तऋषि के अभिविन्‍यास में इस पर बने 7 सितारे थे. वहीं, बांई और ऊपरी किनारे पर (खंभे की ओर) यूनियन जैक था. एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था.

4/6

1921 में चौथा राष्ट्रीय ध्वज

चौथा ध्वज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र के दौरान आंध्र प्रदेश के एक युवक ने एक झंडा बनाया और गांधी जी को दिया. यह कार्यक्रम साल 1921 में बेजवाड़ा (अब विजयवाड़ा) में किया गया था. यह दो रंगों का बना हुआ था. लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्‍दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्‍व करता है. गांधी जी ने सुझाव दिया कि भारत के शेष समुदाय का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए इसमें एक सफेद पट्टी और राष्‍ट्र की प्रगति का संकेत देने के लिए एक चलता हुआ चरखा होना चाहिए.

 

5/6

1931 में पांचवा राष्ट्रीय ध्वज

1921 में निर्मित भारत का चौथा राष्ट्र ध्वज 10 सालों तक अस्तित्व में रहा. 1931 में हिंदुस्तान को एक बार फिर नया राष्ट्रध्वज मिला. चौथे राष्ट्रध्वज की तरह ही पांचवे राष्ट्रध्वज में भी चरखा का महत्वपूर्ण स्थान रहा. हालांकि रंगों में इस बार हेर-फेर हुआ. चरखा के साथ ही केसरिया, सफ़ेद और हरे रंग का संगम रहा. इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) ने औपचारिक रूप से इस ध्वज को अपनाया था.

 

6/6

पहले अलग था तिरंगा?

हमारा राष्ट्रीय ध्वज का विकास आज के इस रूप में पहुंचने के लिए अनेक दौर से गुजरा. एक रूप से यह राष्ट्र में राजनैतिक विकास को दर्शाता है. हमारे राष्‍ट्रीय ध्‍वज के विकास में कुछ ऐतिहासिक पड़ाव भी आए. 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link