PMGKAY scheme: गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana) 5 साल और चलेगी. मोदी सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ा दिया है. इसे सरकार की ओर से चुनावी तोहफा माना जा रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने कोरोना काल में गरीबों की भरपूर मदद की थी. इसे आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान माना गया. केंद्र सरकार को इस योजना का लाभ भी मिला और जनता से तारीफ मिली. पांच किलो राशन की स्कीम को केंद्र सरकार की ओर से चलाया जाता है, लेकिन इसके तहत राज्यों की तय राशन दुकानों से प्रति व्यक्ति के हिसाब से राशन दिया जाता है. इसके 80 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी बताए जाते हैं. इनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के हैं. 


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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ सभी राशन कार्डधारकों को मिलता है. इसके तहत 80 करोड़ से ज्यादा लोग खाद्यान्न सब्सिडी पाते हैं. राज्यों की ओर से लगातार इस योजना को आगे बढ़ाने की मांग की जाती रही है. लाभार्थियों को तीन महीने में पांच किलो राशन इसमें दिया जाता है. इसमें तीन रुपये प्रति किलो चावल और 2 रुपये प्रति किलो गेहूं का रेट शामिल है. विश्व खाद्य संगठन और डब्ल्यूएचओ जैसी दिग्गज एजेंसियों ने भारत की इस खाद्यान्न योजना की तारीफ की है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत के इस खाद्य कार्यक्रम से करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने में मदद मिली है. 


मुफ्त खाद्यान्न योजना पर सरकार हर साल दो लाख करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट खर्च करती है. इस योजना की अवधि 31 दिसंबर 2023 को खत्म हो रही थी, लेकिन इसे अब सरकार ने आगे बढ़ा दिया है. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले इसे मोदी सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है. 


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