Ganga Dussehra 2023: गंगा दशहरा आज, प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
Prayagraj News : गंगा दशहरा का पर्व हर्षोल्लास के साथ लोग मना रहे हैं. त्रिवेणी संगम के विभिन्न घाटों पर आस्था में डूबे लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. हर कोई पुण्य की डुबकी लगाने के लिए त्रिवेणी पहुच रहा है.
प्रयागराज : प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर गंगा दशहरा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. गंगा दशहरा के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन धारा में आस्था की डुबकी लगा रहें हैं. त्रिवेणी संगम के अलग-अलग घाटों पर आस्था का हुजूम उमड़ पड़ा है, हर कोई पुण्य की डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना कर रहा है. मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन ही मोछदायिनी गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. यही वजह है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु आज के दिन मां त्रिवेणी की गोद में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए दूर दराज से पहुंचे हैं.
त्रिवेणी संगम में स्नान
आज के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान विशेष फलदाई माना गया है। आज के दिन गंगा में स्नान करने से मनुष्य को कायिक, वाचिक और मानसिक के दस तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है. गंगा दशहरा के मौके पर स्नान के बाद दान का भी विशेष महत्व है। यही वजह है कि श्रद्धालु आज के दिन सत्तू, गुड, फल के अलावा अंगौछा, छाता और पानी के घड़े का दान कर रहें हैं.
जल पुलिस की भी तैनाती
गंगा दशहरा के मौके पर प्रशासन ने घाटों पर जरूरी इंतजाम कराया है। महिलाओं के लिए कपड़े चेंज करने के लिए चेंजिंग रूम बनाए गए हैं। घाटों पर डीप वाटर बैरिकेटिंग की गई है। गहरे पानी में श्रद्धालु न जा सके, इसके लिए घाटों पर जल पुलिस की भी तैनाती की गई है.
दान करने से मिलता है आशीर्वाद
वहीं, फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर गंगा स्नान के लिए लाखों लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. आज ही मां गंगा का "पृथ्वी पर हुआ था जिसको लेकर स्नान करने से इंसान के 10 पापों से मुक्ति मिलती है ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं. इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे. इसी कारण गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है.
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
गंगाजल बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग जरूर किया जाता है. गंगा भवतारिणी हैं, इसलिए हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है. इसलिए इस दिन गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है. इस दिन गंगा के घाट पर भव्य गंगा आरती भी होती है. इसी दिन साल का आखिरी बड़ा मंगल भी रहेगा. ऐसे में साधक पर मां गंगा और हनुमान जी की कृपा बरसेगी.
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