रामपुर में दलित युवक की मौत के बाद लापरवाह अफसरों पर गिरी गाज, एसडीएम-सीओ के खिलाफ डीएम ने बैठाई जांच
Rampur News: मिलक थाना क्षेत्र के सिलईबाड़ा गांव में ग्राम समाज की जमीन पर दलित समाज के लोगों ने आंबेडकर की होर्डिंग लगा दी थी. इस बीच दूसरे पक्ष के लोगों से विवाद हो गया था. गोलीबारी में एक दलित युवक की मौत हो गई थी.
Rampur News: रामपुर के मिलक क्षेत्र में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर वाली होर्डिंग लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद के दौरान गोली लगने से एक दलित युवक की मौत मामले में लापरवाह अफसरों पर गाज गिरी है. गुरुवार को एसडीएम, सीओ समेत चार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही 25 अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है.
प्रतिमा लगाने को लेकर हुआ था विवाद
रामपुर पुलिस के मुताबिक, मिलक थाना क्षेत्र के सिलईबाड़ा गांव में ग्राम समाज की जमीन पर दलित समाज के लोगों ने आंबेडकर की होर्डिंग लगा दी थी. प्रतिमा लगाने की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने बताया कि गांव के ही दूसरे समुदाय के लोगों ने ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए प्रशासन से इसकी शिकायत की थी.
दलित युवक की चली गई थी जान
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की शाम स्थानीय तहसीलकर्मी, पुलिस की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की. इसी दौरान दलित समुदाय और दूसरे पक्ष के बीच विवाद हो गया, जिसने हिंसक रूप ले लिया. इस दौरान गोली चलने से 17 वर्षीय सोमेश नाम के युवक की मौत हो गई. साथ दो अन्य लड़के घायल हो गए.
एसडीएम-सीओ हटाए गए
पूरे मामले में रामपुर के जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह ने मिलक तहसील के उप जिलाधिकारी अमन देवल को हटा दिया है. इसके अलावा पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने भी संबंधित पुलिस क्षेत्राधिकारी कीर्ति निधि आनन्द, मिलक के थाना प्रभारी निरीक्षक अनुपम शर्मा और चौकी प्रभारी दारोगा सुरेन्द्र को हटा दिया है. मामले की जांच की जा रही है. वहीं, मृतक के परिजनों का आरोप है कि उसकी मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है.
50 लाख रुपये मुआवजे की मांग
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना में उप जिलाधिकारी और तहसीलदार के साथ मौजूद दो होमगार्ड जवानों समेत 25 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है. इस घटना को लेकर बुधवार को भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद ने गांव पहुंचकर मृतक के परिजनों से मुलाकात की. आजाद ने घटना के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर हमला करते हुए पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की थी.