अयोध्या: बसपा के कार्यक्रम में एक बार फिर से शंख की ध्वनि सुनाई देने लगी है. मंत्रोच्चार के बीच बसपा अपने पुराने सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले पर लौट आयी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को अयोध्या से पार्टी ने अपनी 'प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी' की शुरुआत की, जो 29 जुलाई तक चलेगी. पहले इसका नाम ब्राह्मण सम्मेलन रखा गया था, लेकिन आयोजन से कुछ घंटों पहले इसे परिवर्तित कर 'प्रबुद्ध वर्ग संवाद, सुरक्षा, सम्मान विचार गोष्ठी' कहा गया.


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23% दलित और 13% ब्राह्मण वोट करें तो बसपा सरकार तय
कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि यदि 23% दलित और 13% ब्राह्मण एकजुट होकर हमारे पक्ष में मतदान करेंगे तो उत्तर प्रदेश में अगली सरकार बसपा की बनेगी. उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर हमारी सरकार में बनेगा. आपको बता दें कि साल 2007 में सतीश चंद्र मिश्रा के इसी ब्राह्मण-दलित सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले ने ही सूबे की सत्ता में बसपा की वापसी करायी थी.


अयोध्या BJP की ठेकेदारी नहीं, जो हमें पूछकर आना पड़ेगा
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि क्या अयोध्या बीजेपी की ठेकेदारी हो गई है. अयोध्या आने के लिए हमें भाजपा की परमिशन लेनी पड़ेगी? रामलला को इतने साल टेंट में क्यों रखा? अलग से मंदिर बनाकर उन्हें क्यों नहीं रखा. सर्वोच्च न्यायलय के निर्णय के बाद ये सब किया. न्यायालय के निर्णय के बाद इन्होंने ऐसा माहौल बनाया. सतीश चंद्र ने रामलला के दर्शन किए. वह हनुमानगढ़ी पहुंचे और वहां भी पूजा अर्चना की.


बसपा जनता से गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी, किसी दल से नहीं
सतीश चंद्र मिश्रा ने राम मंदिर के चंदे पर भी सवाल खड़े किए और भाजपा को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि आयोध्या में बीसियों सालों से चंदा इकट्ठा कर रहे हैं, अभी तक राम मंदिर की नींव भी नहीं बनी है. आपने साधुओं और महंतों से पूछा क्यों नहीं? जबकि डेढ़ साल में मायावती ने बड़े-बड़े समारक बना दिए, ये लोग 1 साल में मंदिर नहीं बना सके. गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि बसपा जनता से और सर्व समाज से गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी. किसी दल से गठबंधन नहीं करेगी.


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