UP Electricity Workers Strike: ऊर्जा मंत्री के अल्टीमेटम पर कर्मचारी संघ की चेतावनी, किसी बिजलीकर्मी की नौकरी गई या गिरफ्तारी हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल
UP Electricity Workers Strike: बिजलीकर्मियों को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के अल्टीमेटम पर शैलेन्द्र दुबे ने पलटवार किया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेस कर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इन 72 घंटों में अगर किसी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
UP Electricity Workers Strike: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (Energy Minister AK Sharma) ने हड़ताल कर रहे बिजली कर्मचारियों को चार घंटे की मोहलत ( Yogi Govt Ultimatum to Electricity Workers) दी है. उन्होंने कर्मचारियों से शाम 6 बजे तक काम पर लौटने की बात कही है. ऐसा ना करने की स्थिति में सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है. वहीं, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की चेतावनी के बाद विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे (Shailendra Dubey) ने उन्हें जवाब देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि हमें किसी तरह की वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया. वहीं, सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि FIR में जिनका नाम है, हम सब यहां आ गए हैं. सरकार को गिरफ्तार करना है तो करे. हम यही बैठ रहेंगे. हम हड़ताल वापस नहीं लेंगे.
राष्ट्र संपत्ति के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपों को नकारा
शैलेंद्र दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 1332 आउट सोर्स कर्मचारियों को निकाल दिया गया. यह कहा गया कि उनकी जगह नए लोगों को नौकरी दी जाएगी. वहीं, ऊर्जामंत्री के राष्ट्र संपत्ति के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोप को नकारते हुए कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से काम छोड़कर आए हैं. हम ड्यूटी पर नहीं हैं, ना ही हमने कोई तोड़फोड़ की है. ये आरोप निराधार हैं. दुबे ने कहा कि अगर जनता को तकलीफ हो रही है तो मैं माफी मांगता हूं, लेकिन इसकी जिम्मेदार सरकार है. यह ऊर्जा निगम के प्रबंधन का फेलियर है कि हमारे 72 घंटे के हड़ताल का अल्टीमेटम एक महीने पहले देने के बाद भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई.
किसी बिजलीकर्मी की नौकरी गई और गिरफ्तारी हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल
वहीं, विद्युत कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई का विरोध करते हुए शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि सरकार उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को अलोकतांत्रिक तरीके से कुचलने का प्रयास कर रही है. लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों को निजी क्षेत्र में जाने के खिलाफ बिजली कर्मचारियों की लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि सरकार समिति के 22 पदाधिकारियों को एस्मा के तहत गिरफ्तार कर सकती है. सरकार का यह कदम अलोकतांत्रिक है. हम बिजली कर्मचारी ऊर्जा मंत्री के साथ हुए लिखित समझौते का पालन कराने के लिये हड़ताल पर हैं और हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है. शांतिपूर्ण हड़ताल के बावजूद अगर किसी बिजलीकर्मी की नौकरी गई और गिरफ्तारी हुई तो सामूहिक जेल भरो आंदोलन होगा. यह हड़ताल अनिश्चितकालीन होगी. इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.
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