यूपी-बिहार समेत 3 राज्यों से सांसद बनने वाले शरद यादव ने चौधरी चरण सिंह से लेकर अटलजी के साथ भी काम किया
Sharad Yadav Passes Away: JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने 75 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. समाजवाद वाली राजनीति के जरिए जनता के बीच अलग पहचान बनाने वाले दिग्गज नेता के निधन से शोक की लहर दौड़ गई है.
Sharad Yadav Biography and Political: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Sharad Yadav Death) का गुरुवार रात गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया. उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. राजनीति (Bihar Politics) में उनकी गिनती दिग्गज नेताओं में होती रही है. उनके निधन से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है. जानकारी के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री का अंतिम संस्कार 14 जनवरी को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद स्थित उनके पैतृक गांव बंदाई में होगा. आज यानी 13 जनवरी को उनके पार्थिव शरीर को सुबह 10 बजे से अंतिम दर्शन के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास में रखा जाएगा. शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक परचम लहराया था.
मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले थे शरद यादव
शरद यादव मूलरूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले थे. उनका जन्म 1 जुलाई 1947 को होशंगाबाद के बंदाई गांव में किसान परिवार में हुआ था. शरद बचपन से ही पढ़ने-लिखने में काफी तेज थे. प्रारंभिक शिक्षा के बाद वह जबलपुर आए. यहां से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री ली. शरद यादव पढ़ाई के समय से ही राजनीति में दिलचस्पी रही. यही वजह थी कि वह ग्रेजुएशन के दौरान जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्र संघ के अध्यक्ष बने. वे डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित थे. जिसके चलते युवा नेता के तौर पर उन्होंने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और MISA के तहत 1969-70, 1972 और 1975 में हिरासत में लिए गए.
1971 से शुरू हुआ सक्रिय राजनीति का सफर
शरद यादव ने अपने राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत मुलायम सिंह यादव, लालू यादव, एचडी देवगौड़ा और गुरुदास दासगुप्ता के साथ की थी. उन्होंने साल 1971 से सक्रिय राजनीतिक जीवन में कदम रखा. वह पहली बार 1974 में मध्यप्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. तब उनकी उम्र महज 27 साल थी. साल 1977 में वह दोबारा इसी लोकसभा सीट से चुनाव जीते और लोकसभा पहुंचे. इसके बाद साल 1986 में वह राज्यसभा से सांसद चुने गए.
तीन बार बने सांसद
शरद यादव ने साल 1989 में उत्तर प्रदेश की राजनीति की ओर रुख किया. उन्होंने यूपी की बदायूं लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीतकर तीसरी बार संसद पहुंचे. इसके बाद साल 1989-1990 में वह केंद्र में टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री बन गए. इसके बाद 1991 से 2014 तक शरद यादव बिहार की जमीन पर पहुंचे. बिहार की मधेपुरा सीट से सांसद रहे. साल 1995 में उन्हें जनता दल का कार्यकारी अध्यक्ष भी चुना गया. वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने लालू यादव को शिकस्त दी थी. 1998 में उन्होंने जनता दल यूनाइटेड पार्टी बनाई. इसके बाद 2004 में दूसरी बार राज्यसभा पहुंचे.
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