Sophia School Controversy: अजमेर का सोफिया सीनियर सेकंडरी स्कूल पहले भी कई बार सुर्खियों में बना रहा है. इस बार एक बार फिर यह स्कूल चर्चा में बना हुआ है. सोफिया स्कूल में 2500 से ज्यादा छात्र छत्राएं पढ़ाई करते हैं. पिछले दिनों यहाँ बच्चों से  एक्टिविटी कार्ड के नाम से एक फॉर्म भरने को दिया गया. इस फॉर्म में उन्हें अपनी कमर और नितम्बों का साइज लिखकर भरना है. हिप्स और वेस्ट के साइज के साथ साथ बच्चों को एक मेडिकल सर्टिफिकेट भी जमा करने को कहा गया है. इस फॉर्म में अन्य कई तरह की जानकारी मांगी गयी है. जैसे लम्बाई, वजन, आँख, कान, वगैरह. इस फॉर्म पर किसी डॉक्टर के साइन होने जरुरी हैं. 


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क्यों नाराज हैं अभिभावक 
अभिभावकों का कहना है यह स्कूल की यह हरकत मौलिक रूप से भी गलत है. किसी भी नाबालिक लड़की के निजी अंगों के आकार के बारे में पूछना कहीं से भी सही नहीं है. बच्चा खेल में हिस्सा लेने लायक है या नहीं यह उसके वजन और लम्बाई से तय होना चाहिए न कि कमर और हिप्स के आकर से. इसके अलावा अभिभावकों का यह भी कह कहना है कि उनके बच्चों के अंगों की जानकारी का यह रिकॉर्ड स्कूल को अपने पास नहीं रखना चाहिए. इस रिकॉर्ड का क्या इस्तेमाल होगा इस बात को लेकर उन्हें डर है. फ़िलहाल अभिभावक इस तरह की पूरी जानकारी भरने के लिए डॉक्टरों के पास चक्कर लगा रहे हैं.  


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हर साल मांगी जाती हैं ये जानकारियां 
सोफिया सीनियर सेकंडरी स्कूल  के प्रबंधन का कहना है कि ये तमाम जानकारियां हर साल मांगी जाती हैं. इस फॉर्म का मकसद यह है कि बच्चे के शरीर की सभी जानकारियां स्पष्ट रूप से मिल सके. इस फॉर्म से बच्चे का बॉडी मास्क इंडेक्स निकल जाता है जिससे चयनकर्ताओं को आसानी होती है कि बच्चों को उनके शरीर के हिसाब से खेलों में शामिल किया जाए या नहीं. स्कूल का कहना है कि केवल नितम्बों या कमर के आकार की जानकारी नहीं मांगी गई है बल्कि शरीर के सभी जरुरी अंगों के बारे में पूछा जा रहा है. अभिभावक चाहें तो इस जानकारी वाले कॉलम को खाली छोड़ दें. गलत तरीके से फॉर्म का प्रचार न किया जाए. 


जिला बाल कल्याण समिति ने भेजा नोटिस
सोफिया गर्ल्स स्कूल के इस विवाद को लेकर जिला बाल कल्याण समिति के द्वारा स्कूल प्रबंधन को एक नोटिस भेजा गया. सोफिया स्कूल ने इस नोटिस का जवाब दे दिया है. जवाब में स्कूल ने सीबीएसई का साल 2018 का सर्कुलर भी भेजा है. यह सर्कुलर सीबीएसई की बेवसाइट पर भी उपलब्ध है. जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा ने इस खबर की पुष्टि की. अंजली शर्मा का कहना है कि सीबीएसई ने यह सर्कुलर जारी किया है तो जिला कलेक्टर के माध्यम से सीबीएसई को पत्र लिखा जाएगा. 


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