नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: समूचे देश में टमाटर की कीमतों (Tomato Price Hike) को लेकर हर कोई परेशान है. कई शहरों में तो टमाटर 200 रुपये प्रति किलो की कीमत भी क्रॉस कर चुकी हैं. ऐसे में टमाटर की कीमतों में नरमी कब आएगी ये कहना मुश्किल होता जा रहा है. हालांकि एक तरफ जहां सरकार लोगों को राहत देने और टमाटर के दामों में कमी लाने के लिए नए-नए प्लान तैयार कर रही है. वहीं इसकी कीमत हर दिन नई नये-नये कीर्तिमान गढ़ रही है. 


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इसी बीच टमाटर और बाकी सब्जियों के दामों में लगी आग को लेकर भाजपा विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा की नई थ्योरी सामने आई है. उन्होंने बयान देते हुए आम पब्लिक को किसान विरोधी करार दिया है और कहा है कि हाय-तौबा मचाने वाली कहीं कोई बात नहीं है. विधायक का यह बयान अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसके बाद उनके इस बयान को लेकर किसान और आम जनता में काफी नाराजगी है. उनका कहना है कि किसानों ने तो कम दामों पर ही अपने टमाटर बेच दिये थे. असली मजा तो बिचौलिये काट रहे हैं. विधायक जी को यह बताना चाहिये किसानों को फायदा कैसे और कितना मिल रहा है. 


किसानों को खुश होना चाहिए: बीजेपी विधायक
बाराबंकी की कुर्सी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा को टमाटर और बाकी सब्जियों के दाम बढ़े नहीं लगते. उन्हें नहीं लगता कि सब्जियों के दामों को लेकर कहीं कोई महंगाई है. बीजेपी विधायक साकेन्द्र वर्मा ने कहा है कि जो लोग कह रहे हैं कि सब्जियों के दाम बढ़े हैं. वह किसान विरोधी हैं. सब्जियों के दाम बढ़ने से किसानों को लाभकारी मूल्य मिल रहे हैं. इसमें किसानों को खुश होना चाहिए. आम पब्लिक जो कह रही है कि सब्जियों के दाम बढ़े हैं वह किसान विरोधी हैं. 


टमाटर के रोज बढ़ रहे दामों को लेकर उन्होंने कहा कि टमाटर तो किसान पैदा करता है. इसमें कोई परेशान होने वाली बात नहीं. कहीं कोई महंगाई नहीं बढ़ी है, जो लोग कह रहे हैं कि सब्जियों के दाम बढ़े हैं वह राजनीतिक विरोधी हैं, उनका यह कहना काम है. विधायक ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है. यहां 67 फीसदी लोग किसानी करते हैं. वह खुश हैं, तो परेशानी किसको है.वहीं, विधायक जी का यह बयान अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रहा है. 


आम जनता और किसानों में नाराजगी 
वहीं, विधायक के इस बयान को लेकर आम जनता और किसानों में काफी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि अभी कुछ दिनों पहले ही जब पैदावार भरपूर थी, तब यही टमाटर कोई खरीदने वाला नहीं था. तब उसका लाभ उपभोक्ता को भी मिला था, लेकिन आज किसानों से औने-पौने दाम पर टमाटर खरीदकर बिचौलिये इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं. किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है. बारिश की वजह से लागत दोगुना हो गई और पैदावार कम हो गई है. भाजपा विधायक को यह नहीं दिख रहा. उनको धरातल पर आकर देखना चाहिये कि किसानों को फायदा मिल रहा या नुकसान हो रहा है. 


वहीं खरीदारों का कहना है कि महंगाई के चलते घर चलाना मुश्किल हो गया है. आटा, दाल, चावल तो महंगा था ही अब तो सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं. टमाटर के दाम तो आसमान छू रहे हैं. हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि हम इतने महंगे टमाटर खरीद सकें.


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