Indian Railways : भारतीय रेलवे को नया रूप दिया जा रहा है. रेलवे स्‍टेशनों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. वहीं, वंदे भारत जैसी ट्रेनों को चलाने के लिए ट्रैक बिछाए जा रहे हैं. इन सबके बीच रेलवे का एक ऐसा फाटक है, जिसकी कहानी सुनकर आप अचंभित हो जाएंगे. यहां रेलवे फाटक को खुद लोको पायलट ट्रेन रोककर बंद करता है. 


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ड्राइवर को करनी पड़ती है कड़ी मशक्‍कत 
दरअसल, बिहार के सीवान जिले में महराजगंज अनुमंडल के रामापाली रेलवे क्रॉसिंग (फाटक) है. यहां से ट्रेन गुजराने के लिए कड़ी मशक्‍कत करनी पड़ती है. यहां के रेलवे फाटक को बंद करने के लिए कोई गेटमैन नहीं नियुक्त किया गया है बल्कि ड्राइवर ही ट्रेन रोककर फाटक बंद करता और उठाता है. 


ट्रेन रोककर ड्राइवर ही बंद करता है फाटक 
जानकारी के मुताबिक, ड्राइवर पहले ट्रेन रोककर नीचे उतरते हैं और फाटक को बंद करते हैं. इसके बाद वह क्रॉसिंग से ट्रेन को गुजारने के बाद दोबारा ट्रेन को रोकता है और फिर से नीचे उतरकर फाटक का गेट खोलने आता है. इसके बाद वह अपनी ट्रेन को लेकर यहां से रवाना होता है. 



तीन से चार ट्रेनें ही गुजरती हैं  
बताया गया कि यह फाटक महाराजगंज-मसरख रेलखंड पर स्थित है. यह सिंगल लाइन है. इस रूट से तीन से चार ट्रेनों का ही परिचालन होता है. इसके चलते यहां रेलवे फाटक पर किसी गेटमैन की तैनाती नहीं की गई. वर्षों से ड्राइवर और गार्ड ही ट्रेन रोककर फाटक उठाते और बंद करते हैं. बताया गया कि यहां से पांच सालों से ऐसे ही ट्रेन गुजरती है. रेलवे फाटक से 10 मीटर पहले ही ट्रेन को रोक दिया जाता है. महाराजगंज में यह एकलौता फाटक नहीं है, बल्कि ऐसे तीन रेलवे फाटक हैं, जहां ऐसे ही ट्रेन को गुजारा जाता है. 


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