COVID 19 JN.1 Sub Variant: नए साल के जश्न पर कोरोना का खतरा, केंद्र ने भीड़ को लेकर राज्यों को भेजा बड़ा अलर्ट
COVID 19 JN.1 Sub Variant: नए साल से पहले कोविड महामारी एक बार फिर खतरे का संकेत दे रही है. दरअसल केरल की 79 साल की एक महिला में कोरोना के नए सबवैरिएंट JN.1 की पुष्टि हुई. जिसके बाद केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है.
COVID 19 JN.1 Sub Variant: साल 2023 खत्म होने की ओर है. कुछ दिनों बाद नया साल यानी 2024 दस्तक देगा. इसी बीच नए साल के जश्न पर कोरोना का संकट मंडराने लगा है. देश के कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामलों में तेजी आ गई है. चिंता वाली बात यह है कि कोविड का नया सब वेरिएंट सामने आया है, जिसका नाम JN.1 है. यह ओमिक्रॉन सब वेरिएंट BA.86 का वंशज है. JN.1 को 'पिरोला' भी कहा जाता है. भारत में भी इस नए वेरिएंट से संक्रमित एक मरीज की पुष्टि हुई है. सोमवार को कोविड के 1,828 मामले दर्ज किए गए. जिसमें केरल में मामलों की संख्या सबसे अधिक है. यहां कोविड के 1,634 संक्रमित मिले हैं. संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्य सरकारों को पत्र भेजा है, जिसमें देश में कोविड की स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा "केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लगातार और सहयोगात्मक कार्यों के कारण हम कोविड के फैलने पर नियंत्रण बनाए रखने में सक्षम हुए हैं. हालांकि, जैसे-जैसे कोविड-19 वायरस फैलता जा रहा है और इसका महामारी विज्ञान व्यवहार व्यवस्थित हो रहा है, भारत में मौसम की स्थिति और अन्य सामान्य रोगजनकों के प्रसार के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य में चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गति बनाए रखना महत्वपूर्ण है."
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने आगामी फेस्टिव सीजन को देखते हुए राज्यों को श्वसन स्वच्छता के पालन द्वारा बीमारी के फैलाव में वृद्धि के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और अन्य व्यवस्थाएं करने की सलाह दी. सभी राज्यों को सलाह दी गई है कि वे सभी जिलों में कोविड परीक्षण दिशानिर्देशों के अनुसार पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करें और आरटी-पीसीआर और एंटीजन परीक्षणों की अनुशंसित हिस्सेदारी बनाए रखें. उन्हें पता लगाने के लिए एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (आईएचआईपी) पोर्टल सहित सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में नियमित आधार पर जिलेवार इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) मामलों की निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया है. मंत्रालय ने आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या बढ़ाने और भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) प्रयोगशालाओं में जीनोम अनुक्रमण के लिए सकारात्मक नमूने भेजने के लिए भी कहा, ताकि समय पर नए वेरिएंट का पता लगाया जा सके.
गौरतलब है कि भारत में 8 दिसंबर 2023 को केरल के तिरुवनंतपुरम में JN.1 सब वेरिएंट का पहला केस सामने आया था. 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. महिला ने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी. उसमें इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे. फिलहाल महिला स्वस्थ हो गई है. सब वेरिएंट JN.1 को लेकर कर्नाटक सरकार ने भी अलर्ट जारी किया है. 15 दिसंबर तक देश में JN.1 के कुल 7 केस सामने आए.
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार जेएन.1, बीए.2.86 के समान वंश का हिस्सा है और इसमें एक अतिरिक्त स्पाइक उत्परिवर्तन - एल455एस उत्परिवर्तन शामिल है, जिसमें प्रतिरक्षा-विरोधी गुण हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी मजबूत निगरानी और अनुक्रम साझा करने के लिए कहा है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर मामले बढ़ रहे हैं.डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा, मौजूदा कोविड मामलों में से लगभग 68 प्रतिशत एक्सबीबी सबलाइनेज और जेएन.1 जैसे अन्य समूहों के हैं.